गाजीपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2025 का रविवार (9 नवंबर) समापन हुआ. इसकी शुरुआत शुक्रवार (7 नवंबर) को वाराणसी के होटल द क्लार्क्स में गरिमामय माहौल में हुई थी. शनिवार को गाजीपुर की ऐतिहासिक धरती साहित्य, संस्कृति और संवाद के रंगों से सराबोर हो गई. यह आयोजन सिर्फ साहित्य का उत्सव नहीं था बल्कि भारतीय चेतना और आजादी के मूल्यों पर गहन चर्चा का मंच भी बना.
भारत एक्सप्रेस के CMD और एडिटर-इन-चीफ उपेंद्र राय ने गाज़ीपुर लिटरेचर फेस्टिवल कार्यक्रम को संबोधित किया और अपने वर्तमान सहित कई मुद्दों पर अपने विचार रखें. उन्होंने जीवन में जरूरी मूल्यों और साहस पर अपने विचार रखें. सीएमडी उपेंद्र राय ने कहा, हमें जीवन के आधुनिक मूल्यों की तरफ बढ़ना है. हमें उस ऊंचाई की तरफ भी बढ़ना है जो हमारी आत्मिक ऊंचाई को ऊपर ले जाए. हमारे अंदर के कम से कम इतना साहस दे कि हम सरकार का विरोध कर सकें. किसी अन्याय के खिलाफ खड़े होकर आवाज़ बुलंद कर सकें.
मीडिया ने आम आदमी के हाथों को मजबूत किया है
मीडिया पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि आज मेन स्ट्रीम मीडिया अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाता है. वहीं सोशल मीडिया नए ज़माने में एक टूल बनकर उभरा है. यह ब्रांड डायवर्सिफकेशन है, यह मीडिया एक्सटेंशन है. इसने आम आदमी के हाथों को मजबूत किया है. इससे पहले आम आदमी को हाथों में कभी इतनी ताकत नहीं थी.
गाज़ीपुर लिटरेचर फेस्टिवल में बोलते हुए CMD उपेंद्र राय ने बताया कि मीडिया हमेशा से सकारात्मक भूमिका निभाता रहा है. मीडिया ने मध्यम वर्ग को नई दिशा में छलागं लगाने के लिए हवा दी है. वहीं भारत की डायवर्सिटी पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि इस देश में ऐसा कुछ है कि तमाम परेशानियों के बाद भी सबकुछ बांध कर रखा है. यह एक मुकम्मल लोकतंत्र होने के बाद भी कुछ है लोगों के टूटने नहीं देता है और हमेशा बांध कर रखता है.
राइट विंग और लेफ्ट विंग समाज के लिए दोनों जरूरी
लिट फेस्टिवल में समाज में बंटी विचारधारा को लेकर भी विचार रखे गए. सीएमडी उपेंद्र राय ने समाज के संतुलन के लिए राइट विंग और लेफ्ट विंग दोनों विचारधारा को जरूरी बताया और कहा कि दुनिया डायलेक्टिकल है. दुनिया द्वंद पर खड़ी है. उन्होंने कहा कि चर्चाओं से एक वैचारिक निष्कर्ष निकलना जरूरी है, जो इस देश को खोई हुई गौरव और विश्वास दिला सके.