‘मौलाना भूल गया कि शासन किसका है’, बरेली हिंसा पर बोले CM योगी, अशांति फैलाने वालों को दी चेतावनी

Ved Prakash Sharma
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

CM Yogi: शनिवार को राजधानी लखनऊ स्थित होटल ताज में ‘विकसित उत्तर प्रदेश विजन 2047’ के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी हिस्सा लिया. इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के विकास और आने वाले समय में प्रदेश के विकास के लक्ष्य पर चर्चा हुई. इस दौरान अपने संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में कानून व्यवस्था से लेकर एक्सप्रेसवे, मेट्रो और अन्य विकास कार्यों पर अपनी बात रखी. सीएम ने अशांति फैलाने वालों को सख्त लहजे में चेतावनी दी.

जिस भाषा में समझना चाहते थे, उस भाषा में उन्हें समझाया गया 

सीएम योगी ने कहा कि बरेली में वह मौलाना भूल गया कि शासन किसका है. कहता था, धमकी देंगे कि हम शहर जाम कर देंगे. हमने कहा ना तो जाम होगा… ना ही कर्फ्यू लगेगा. बल्कि, ऐसा सबक सिखाएंगे की आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी. 2017 से पहले यही होता था, लेकिन, अब हमने ऐसे बैरियर को लागू किया है, जिससे चुन-चुन कर ऐसे लोगों को सबक सिखाया. वह जिस भाषा में समझना चाहते थे, उस भाषा में उन्हें समझाया गया.

सीएम ने कहा कि पहले सरकारों ने हर जिले में एक माफिया दिया था. जिले की सत्ता माफिया को चलाने की छूट दी गई थी. हर व्यक्ति अपनी पहचान का मोहताज था. खेती-बाड़ी चौपट थी. नौजवानों की नौकरियों पर सेंध लगाती थी. उनकी नीलामी होती थी. चाचा-भतीजा वसूली के लिए निकल पड़ते थे. वसूली का गैंग चलता था. ट्रांसफर और पोस्टिंग में उनके दलाल बोली लगाया करते थे. हमने उनके अनैतिक और अवैध व्यापार पर प्रहार किया है. उनके चेले चिल्लाते हुए दिखाई दे रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि 11वीं सदी में भारत के अंदर भारत की आबादी 60 करोड़ थी. भारत आर्थिक गतिविधियों के महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में था. चंद्रगुप्त मौर्य के समय में ग्लोबल इकॉनमी में भारत की हिस्सेदारी 40 फीसदी थी. 11वीं सदी आते-आते यह घटकर 30 फीसदी तक रह गई. 17वीं सदी में भारत 25 फीसदी पर सिमट गया. उस समय आधी से ज्यादा आबादी खेती पर निर्भर थी. शेष आबादी लघु और कुटीर उद्योगों में लिप्त थी. भारत में अंग्रेजों ने पेस्टिसाइड और केमिकल भेजें. शुरू में परिणाम अच्छे रहे, लेकिन बाद में बेहद खराब परिणाम आए.

भारत को लूटकर विदेशियों ने अपने आप को समृद्ध किया

अंग्रेज भारत से 32 ट्रिलियन डॉलर के बराबर सोना लूटकर अपने साथ ले गए. विदेशियों ने भारत को लूटकर अपने आप को समृद्ध किया है. अंग्रेजों ने उद्योग धंधों को समाप्त किया. कौन नहीं जानता भारत टेक्सटाइल का हब था. भारत के पास सब कुछ था, जो दुनिया को चाहिए था. दुनिया का पहला विश्व विश्वविद्यालय तक्षशिला भारत ने दुनिया को दिया. दक्ष भगवान राम के अनुज भरत जी के पुत्र थे. पाणिनि जन्म भी वहीं हुआ. वहीं चरक हुए. जिन्होंने आयुर्वेद के ग्रंथ इसी विश्वविद्यालय में रचे थे.

सीएम योगी ने आगे कहा कि तक्षशिला विश्वविद्यालय ने दुनिया का पहला मेडिकल सर्जन सुश्रुत के नाम पर दिया. इसी विश्वविद्यालय में जीवक नाम के वैद्य भी थे. अध्ययन पूरा करने के बाद आचार्य से कहा कि मैं जाना चाहता हूं. आचार्य ने कहा कि सामने जंगल में जाओ और बताओ किस वनस्पति में औषधि के गुण हैं. जीवन 15 दिन तक जंगलों में भटकते रहे और अध्ययन किया. लौटकर आए तो कहा कि ऐसी कोई वनस्पति नहीं, जिसमें औषधि गुण न हों.

मैंने ऐसे लोगों के लिए बुलडोजर बनाया‘- CM 

इसी तरह ऐसा कोई मानव नहीं, जिसके अंदर गुण न हों, लेकिन एक लक्ष्य होना चाहिए. इसीलिए मैं कहता हूं कि यही वह लोग हैं, जो झूठे नारों से समाज को गुमराह करते हैं. जाति और धर्म के नाम पर समाज को बांटते हैं. ऐसे लोगों के लिए ही मैंने बुलडोजर बनाया है. आजादी के समय जिस राज्य का योगदान एक तिहाई से ज्यादा था, आज केवल दो फीसदी रह गया है. भारत 11वीं अर्थव्यवस्था के रूप में सीमित रह गया था, जो आज चौथे स्थान पर पहुंच गया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के लोगों की भी आकांक्षाएं हैं. 1947 में आजादी के समय उत्तर प्रदेश का योगदान भारत की आर्थिक प्रगति में 14 फीसदी था. 2016 में जब हम आए तो यह घटकर केवल आठ फीसदी रह गया था. उत्तर प्रदेश देश की सातवीं अर्थव्यवस्था रह गया था. पिछले 8 वर्षों में जो हर एक क्षेत्र में प्रगति हुई है, वह आपके सामने है. साढ़े आठ साल पहले शब्द क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर की कल्पना करना भी एक सपना था. पर्व त्योहार आने से पहले ही उत्पात शुरू हो जाते थे. अब उत्पातियों को सात पीढ़ियां याद आएंगी. उनकी बुरी आदतों को ठीक करने के लिए डेंटिंग-पेंटिंग करवानी पड़ती है.

सबसे ज्यादा एक्सप्रेसवे और मेट्रो यूपी में

सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की ग्रोथ स्टोरी यही है. हमारा राष्ट्रीय धर्म है कि उत्तर प्रदेश की जितनी आबादी है, उतना ही राष्ट्रीय कंट्रीब्यूशन भी करता दिखाई दे. वर्ष 2017 से पहले कोई कल्पना भी नहीं करता था. आज देश के अंदर कुल एक्सप्रेस-वे में 55 फीसदी उत्तर प्रदेश के पास हैं. सबसे ज्यादा शहरों में मेट्रो का संचालन उत्तर प्रदेश कर रहा है. 2017 से पहले केवल दो ही एयरपोर्ट लखनऊ और वाराणसी क्रियाशील थे. हम लोग गोरखपुर से ट्रेन से 14 घंटे की यात्रा कर दिल्ली जाते थे. आज गोरखपुर से 14 फ्लाइट चल रही है. 16 एयरपोर्ट आज की तारीख में क्रियाशील हैं. देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट हम अगले महीने देश को समर्पित करेंगे. यह नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट है.

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि बीमारू मानसिकता ने उत्तर प्रदेश को बीमारू बना दिया था. पुलिस स्टाफ का परिणाम यह था कि दंगे होते थे. दंगाइयों को मुख्यमंत्री आवास में बुलाकर सम्मानित किया जाता था. दंगाइयों की आवभगत होती थी. पेशेवर अपराधियों और माफिया के सामने सत्ता सैल्यूट करती थी. सत्ताधारी लोग उनके कुत्तों के साथ हाथ मिलाया करते थे. आपने देखा होगा कि कैसे सत्ता का मुखिया एक माफिया के कुत्ते से हाथ मिलाकर खुद को गौरवान्वित समझता था.

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