प्रकृति पूजन भारतीय संस्कृति का मूल, पर्यावरण संरक्षण हमारी समष्टिगत जिम्मेदारी: डॉ. राजेश्वर सिंह

Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
भारत विकास परिषद्, अवध प्रान्त द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष की प्रेरणा से आयोजित 5 दिवसीय पंच सूत्रीय कथा महोत्सव का शुभारम्भ शुक्रवार को कृष्णा नगर स्थित सुमितनाथ सेवा भवन में धार्मिक एवं सांस्कृतिक उल्लास के साथ सम्पन्न हुआ. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने परिषद् की पंचसूत्रीय अवधारणा – संपर्क, सहयोग, संस्कार, सेवा और समर्पण को समाज-निर्माण के पाँच आधारस्तंभ बताते हुए इसे राष्ट्रीय चेतना को सुदृढ़ करने वाला महत्वपूर्ण आयोजन बताया.

पर्यावरण संरक्षण पर डॉ. सिंह का गहन विश्लेषण

अपने संबोधन में डॉ. सिंह ने भारतीय संस्कृति के प्रकृति–समन्वित दर्शन को रेखांकित करते हुए कहा कि तेजी से बढ़ता संसाधन-दोहन आज गंभीर पर्यावरण संकट का रूप ले चुका है. उन्होंने बताया कि 2013–2023 के बीच लखनऊ के कई इलाकों में भूजल स्तर 20 मीटर तक गिरा है. विश्वभर में Air Pollution के कारण 67 लाख लोगों की समयपूर्व मृत्यु हो रही है. भारत में ही यह संख्या 17–20 लाख के बीच है, जो अत्यंत चिंताजनक है.
डॉ. सिंह ने वैश्विक पर्यावरण स्थिति को समझाते हुए World Overshoot Day का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा,“1970 में World Overshoot Day 25 दिसम्बर को आता था, यानी मानवता लगभग पूरे वर्ष पृथ्वी की वहन क्षमता के भीतर रहती थी. पर आज यह तिथि घटते-घटते 24 जुलाई तक पहुँच गई है, जो बताती है कि हम केवल आधे वर्ष में ही पृथ्वी के पूरे वर्ष के संसाधन समाप्त कर देते हैं.”

सरोजनीनगर: पर्यावरण संरक्षण में अग्रणी

डॉ. सिंह ने बताया कि सरोजनीनगर क्षेत्र पर्यावरणीय पहल के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है, लखनऊ में स्थापित कुल Solar Capacity का 50% से अधिक सरोजनीनगर में स्थापित है. ताराशक्ति केंद्रों द्वारा तैयार किए गए 30,000 से अधिक Eco-Friendly Bags बच्चों में वितरित कर पर्यावरण जागरूकता बढ़ाई गई है. उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर ऐसे प्रयास ही पृथ्वी के संसाधनों को बचाने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं.

पर्यावरण रक्षकों का सम्मान

कार्यक्रम में पर्यावरण संरक्षण में उल्लेखनीय योगदान के लिए चंद्र भूषण तिवारी (पेड़ वाले बाबा), राजेंद्र प्रताप सिंह और विजय सक्सेना को डॉ. राजेश्वर सिंह द्वारा सम्मानित किया गया. साथ ही पर्यावरणविद गरिमा मिश्रा द्वारा लिखित विशेष पत्रक का भी विमोचन किया गया.

RSS के प्रचार प्रमुख का संबोधन

मुख्य वक्ता के रूप में आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख सुभाष जी ने जल संरक्षण, वृक्षारोपण और पर्यावरणीय जिम्मेदारी पर जोर देते हुए कहा कि, “वृक्षारोपण को आन्दोलन के रूप में बदलना और दैनिक उपयोग में जल का संयमित दोहन आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है.”

आयोजकों एवं अतिथियों के प्रति आभार

डॉ. सिंह ने कार्यक्रम के सुचारु आयोजन के लिए संगठन मंत्री विक्रांत खंडेलवाल एवं महासचिव एस.के. सक्सेना का विशेष धन्यवाद किया. उन्होंने कथावाचक अशोक जी महाराज, सुभाष जी, यशोदानंदन जी, बीरेन्द्र सिंह चौधरी, आर.के. भदौरिया, राम औतार, शंकरी सिंह, पार्षद गीता देवी, संजीव अवस्थी, के.एन. सिंह, रंजना मिश्रा तथा अन्य सभी गणमान्यों की सहभागिता के लिए आभार व्यक्त किया.
Latest News

2029 तक 47.2 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा भारत के ई एंड एम उद्योग का राजस्व: PWC Report

भारत का मनोरंजन और मीडिया (ई एंड एम) उद्योग 2024 में 32.2 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2029 तक 47.2...

More Articles Like This