“उर्दू में बहुत मिठास है…”, Bharat Express के उर्दू कॉन्क्लेव में बोले केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले- मैं दूंगा उर्दू का साथ

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Bharat Express Urdu Conclave: राजधानी दिल्ली स्थित उर्दू अकादमी में आज ‘भारत एक्सप्रेस’ के बैनर तले “बज्म-ए-सहाफत” उर्दू कॉन्क्लेव आयोजित किया गया. इस कॉन्क्लेव में केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने उर्दू भाषा की खूब तारीफ की. उन्होंने उर्दू को ‘मिठास’ भरी भाषा बताते हुए इसे आगे बढ़ाने में अपनी सरकार का पूरा साथ देने का वादा किया.

इस कार्यक्रम में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा और भारत एक्सप्रेस के एडिटर इन चीफ और सीएमडी उपेंद्र राय ने भी विशेष अतिथि के रूप में शिरकत की.

‘तुम्हारी एकेडमी है उर्दू, तुम्हारे लिए मैं क्या कर दूं?’

“बज्म-ए-सहाफत” उर्दू कॉन्क्लेव में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए अपने चिर-परिचित मजाकिया अंदाज़ में कहा कि चूंकि उनका यहां गर्मजोशी से इस्तकबाल (स्वागत) किया गया है, इसलिए वह उर्दू का समर्थन करते हैं. उन्होंने उर्दू भाषा को ‘नए भारत’ की संकल्पना से जोड़ा और कहा, “मैं हमेशा करता हूं नए भारत की बात. इसलिए मैं देता हूं उर्दू को साथ. मैं देता हूं भारत एक्सप्रेस को मेरा हाथ, क्योंकि भारत को मजबूत करने वाली है मेरी जात.”

उन्होंने दिल्ली उर्दू एकेडमी के मंच से ही पूछ डाला, “तुम्हारी एकेडमी है उर्दू, तुम्हारे लिए मैं क्या कर दूं? क्या मैं तुम्हारी झोली भर दूं? क्योंकि मुझे भी अच्छी लगती है उर्दू.” इस दौरान उन्होंने एनडीए सरकार द्वारा उर्दू को आगे बढ़ाने के लिए सभी प्रयास करने का आश्वासन दिया.

संविधान दिवस पर बाबासाहेब आंबेडकर को नमन

केंद्रीय मंत्री अठावले ने कहा कि 26 नवंबर, यानी आज संविधान दिवस है. उन्होंने इस दिन को याद करते हुए भारतीय संविधान के निर्माता भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि 26 नवंबर 1949 को ही डॉ. आंबेडकर ने संविधान का ड्राफ्ट डॉ. राजेंद्र प्रसाद और पंडित जवाहरलाल नेहरू को सौंपा था. उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत का संविधान सभी को साथ लेकर चलता है और यह ‘भारतीय लोगों की जान’ है.

उन्होंने कहा, “भारत सभी धर्मों का, सभी भाषाओं का, सभी जातियों का देश है. भारत का लोकतंत्र मजबूत है और हमें जातिवाद, भाषावाद, धर्मवाद को खत्म करके काम करना है.”

उर्दू की मिठास, देश की भाषाई विविधता

केंद्रीय मंत्री अठावले ने अपने भाषण का मुख्य जोर उर्दू की तारीफ पर रखा. उन्होंने कहा, “उर्दू भाषा जो है, उर्दू भाषा बहुत ही मिठास भाषा है. बहुत अच्छी भाषा है.” उन्होंने सभी लोगों से हर भाषा का आदर करने की अपील की. केंद्रीय मंत्री ने भारत की भाषाई विविधता का उल्लेख करते हुए बताया कि अपने देश में 1820 भाषा बोलने वाले लोग हैं, 28 राज्य और आठ केंद्र शासित प्रदेश हैं. उन्होंने इस बात पर भी ध्यान दिलाया कि उर्दू बोलने वाले लोग मुस्लिम समाज में हैं और मुंबई में उर्दू के स्कूल और न्यूज़ पेपर भी हैं.

शायरी, कव्वाली और एनडीए का समर्थन

उन्होंने उर्दू की शायरी को ‘बहुत ही बेहतरीन’ और ‘ताकतवर’ बताया. साथ ही, उन्होंने कहा कि उर्दू की शायरी सबको समझ में नहीं आती, लेकिन जिनको उर्दू आती है, वे उसकी मिठास और गहराई को महसूस कर सकते हैं. उन्होंने उर्दू की एक और महत्वपूर्ण सांस्कृतिक विधा, ‘कव्वाली’, का भी जिक्र किया, जो लोगों को मंत्रमुग्ध कर देती है.

केंद्रीय मंत्री अठावले ने कहा कि उनकी सरकार, एनडीए सरकार, देश में तीन बार सत्ता में आई है और चौथी बार भी आएगी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से प्रगति कर रहा है, खासकर अर्थव्यवस्था के मामले में. उन्होंने दावा किया कि जल्द ही भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.

भाषावाद पर संदेश और प्रगति का आह्वान

केंद्रीय मंत्री अठावले ने भाषा के नाम पर होने वाले संघर्षों की निंदा की. मुंबई का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि मुंबई में 40% लोग नॉन-मराठी हैं, लेकिन बड़ी संख्या में वे मराठी भी बोलते हैं. उन्होंने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) का नाम लिए बिना कहा कि भाषा के नाम पर मारपीट गलत है और उनकी पार्टी इसका विरोध करती है. उन्होंने साहित्यकारों, विचारकों और पत्रकारों से आह्वान किया कि वे अपनी उर्दू लेखन के माध्यम से देश को जोड़ने और एक संग रखने की बात करें.

उन्होंने अपने संबोधन के अंत में कहा कि उर्दू को मजबूत बनाना हम सब लोगों की जिम्मेदारी है और भारत सरकार इसके लिए हर संभव प्रयास करेगी.

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