Vande Mataram 150 Years: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ पर इस महान गीत के स्मरणोत्सव पर इसके पूर्ण संस्करण का अपने परिजनों के साथ सामूहिक गान करने की अपील की.
भारत की आत्मा का स्वर है Vande Mataram
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि ‘वंदे मातरम्’ केवल शब्दों का संग्रह नहीं, भारत की आत्मा का स्वर है. अंग्रेजी हुकूमत के विरुद्ध ‘वंदे मातरम्’ ने देश को संगठित करके आजादी की चेतना को बल दिया. साथ ही, क्रांतिकारियों के मन में मातृभूमि के प्रति अटूट समर्पण, गर्व और बलिदान की भावना जगाई. ‘वंदे मातरम्’ देशवासियों के हृदय में राष्ट्रवाद की अलख प्रज्वलित कर आज भी युवाओं में एकता, राष्ट्रभक्ति और नवऊर्जा का स्रोत बना हुआ है. हमारे इस अद्वितीय राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ को इस वर्ष 150 वर्ष हो रहे हैं. आइए, इस महान गीत के स्मरणोत्सव पर इसके पूर्ण संस्करण का अपने परिजनों के साथ सामूहिक गान करें, जिससे भावी पीढ़ियों तक यह गीत प्रेरणा का केंद्र रहे. वंदे मातरम्.
‘Vande Mataram’ was the First Proclamation of Cultural Nationalism. On the 150th anniversary of ‘Vande Mataram’, penned an article for @htTweets.#VandeMataram150 pic.twitter.com/IrjxwIS3hz
— Amit Shah (@AmitShah) November 7, 2025
सीएम रेखा गुप्ता ने कहा राष्ट्रीय आस्था का प्रतीक
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने एक्स पोस्ट में लिखा कि वन्दे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ का यह गौरवशाली अवसर हमारे आत्मगौरव, सांस्कृतिक चेतना और राष्ट्रीय पुनर्जागरण का अद्वितीय क्षण है. बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय जी द्वारा रचित यह गीत भारत के स्वतंत्रता संग्राम की आत्मा बनकर उभरा. स्वदेशी आंदोलन से लेकर भारत छोड़ो आंदोलन तक, हर निर्णायक मोड़ पर इस उद्घोष ने असंख्य क्रांतिकारियों के भीतर त्याग, एकता और राष्ट्रधर्म की ज्वाला प्रज्वलित की. वन्दे मातरम्, वास्तव में, ‘भारत माता की जय’ के शाश्वत संकल्प और हमारी राष्ट्रीय आस्था का सर्वोच्च प्रतीक है.
विकसित भारत के निर्माण में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएं
सीएम ने आगे लिखा कि प्रधानमंत्री मोदी (Vande Mataram 150 Years) के दूरदर्शी नेतृत्व में देश “विकसित भारत” के महाअभियान की ओर सुदृढ़ गति से बढ़ रहा है. वन्दे मातरम् का यह अनंत राष्ट्र-प्रेम हमें ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना और सामूहिक संकल्प के साथ नये भारत के निर्माण हेतु प्रेरित कर रहा है. केंद्र सरकार द्वारा इस 150वीं वर्षगांठ को राष्ट्रव्यापी जन-उत्सव के रूप में मनाया जाना, इसी गौरवशाली विरासत को जन-जन तक पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है. इस ऐतिहासिक अवसर पर हम सब यह संकल्प लें कि वन्दे मातरम् की यह अक्षय ऊर्जा हमारे कर्म, चरित्र और राष्ट्रसेवा की दिशा को निरंतर प्रकाशित करती रहे और हम ‘विकसित भारत’ के निर्माण में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएं. वन्दे मातरम्.

