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प्रभु सनमुख आए हुए जीव को, प्रभु-प्रेम से लगाते हैं गले: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, कुछ मनुष्य घर की स्थिति अच्छी होने तथा अच्छे प्रमाण में पैन्शन मिलने पर भी दूसरी नौकरी ढूंढते हैं, यह अच्छी बात नहीं है। पैन्शन होने पर तो प्रभु...

मान-अपमान में मन को शांत रखना है सबसे महान पुण्यकार्य: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, दो-चार दिनों के लिए यदि हमें अचानक बाहर गांव जाना पड़े तो भी मार्ग के कष्टों से बचने के लिए हम पहले से तैयारी कर लेते हैं। किंतु जीवन...

भागवत परायणता में बीतना चाहिए मनुष्य को अपने जीवन का एक-एक दिन: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, मनुष्य के मरने के बाद उसकी आत्मा की शांति के लिए घर के व्यक्ति भागवत सप्ताह का पारायण कराते हैं। घर के इन व्यक्तियों की भावना तो अच्छी है,...

धन की अपेक्षा श्रेष्ठ है धर्म: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, अस्ति और प्राप्ति के पिता जरासंध का नाश काल ने किया जबकि कृष्ण को वह जरा भी आँच नहीं पहुंचा सका। संग्रह और परिग्रह की प्रवृत्ति में रचे-पचे रहकर...

सद्भाव से युक्त सेवा करके घर के लोगों को रखो प्रसन्न: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, सद्भाव से युक्त सेवा करके घर के लोगों को प्रसन्न रखो, किंतु घर में आसक्त मत रहो. घर के सभी कार्य करते हुए भी चित्त को प्रभु के चरणों में...

सद्गुणों का प्रतिबिम्ब होता है मन का मानपत्र: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, दूसरों से मानपत्र प्राप्त करने की आकांक्षा मत रखो, क्योंकि यह दुनियां स्वार्थों से भरी हुई है,  अतः सत्य नहीं है और आज मानपत्र प्रदान करने वाले शायद कल...

भगवान के लिए आंसू बहाना आ जाए तो जीवन में है आनंद ही आनंद: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, बिरह में पागल बनें व्रज के भक्तों को प्रभु ने आश्वासन दिया कि जितना आनंद मिलन में है, उतना ही बल्कि उससे भी ज्यादा आनंद विरह में है। भगवान...

वैष्णव आचार्यों की नजर में मनुष्य मलिक नहीं, बल्कि मुनीम है: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, सब प्रभु का है- 'जगत झूठा है '  यह कहकर वेदांत हमारे मोह को छुड़ाने का यत्न करता है , जबकि वैष्णव शास्त्र ' जगत भगवान का है '...

संदेह रहित होकर जी सकते हैं भगवद्मय जीवन जीने वाले व्यक्ति: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, समर्पण योग- भागवत समर्पण योग सीखने के लिए है. भागवत में वर्णन आता है कि जो कुछ तुम्हारा है, उसे प्रभु के चरणों में अर्पित कर दो एवं बाद में...

प्रवृत्ति और निवृत्ति के संयोग से ही जीवन बनता है सार्थक: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भक्ति रसायन- सभी निवृत्ति नहीं ले सकते। इसी तरह सभी केवल प्रवृत्ति भी नहीं कर सकते। प्रवृत्ति और निवृत्ति के संयोग से ही जीवन समृद्धि और सार्थक बनता है।...
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