dharam karam

कथा सुनने के बाद पुराने दोषों का होना चाहिए नाश: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भगवान् की कथा माँ के समान है, कथा माता है। यह नया जन्म देती है। इसीलिए कथा सुनने के बाद पुराने दोषों का नाश होना चाहिए। कथा सुनने के...

नम्रता और नाम-स्मरण से सुधरता है स्वभाव: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, श्रद्धा से युक्त किए गए सत्कर्म से जीवन को परमात्मा और परोपकार के साथ जोड़ देना ही सच्चा श्राद्ध है। प्रभु के द्वारा दिए गए इस मानव देह के...

ईश्वर की आराधना, उपासना के लिए मिले हैं संसार के सारे सम्बन्ध: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, मन्दिर में प्रभु के पास जाओ, तब प्रभु के उपकारों का स्मरण करो, हृदय को भावना से भर दो और भावपूर्ण हृदय से परमात्मा की वंदना करो। वंदन में...

जीवन में क्रांति लाने के लिए ही करना चाहिए सत्संग: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, मन को प्रेम से समझाकर प्रभु के मार्ग में लगाने और प्रभु-स्मरण में लीन होकर खुली आँखों से ही प्रभु के दर्शन को ऊँची स्थिति पर पहुँचने की क्रिया...

जीवन में धीरे-धीरे संयम बढ़ाते हुए भक्ति करोगे तो अवश्य मिलेंगे प्रभु: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, माता और पुत्री का हृदय एक जैसा होता है, इसलिए एक को दूसरे का डर नहीं रहता। लेकिन सास-बहू एक ही घर में हमेशा रहकर हृदय से अलग-अलग होते...

कभी अनजाने में पाप हो जाए तो प्रभु के समक्ष मुक्त मन से मांग लेनी चाहिए क्षमा: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, पुण्य करते समय अभिमान में चूर रहने वाला गाफिल मनुष्य पाप करते समय बड़ी सावधानी रखता है। उस समय तो अंग-अंग में इस बात की सावधानी घर कर जाती...

प्रभु के भक्त प्रत्येक परिस्थिति में देखते हैं प्रभु का उपकार: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भक्त एकनाथ की पत्नी उनके लिये बहुत अनुकूल थी, इसलिए भक्त प्रसन्न होकर प्रभु से कहता, " मेरे नाथ ! तूने खूब दया करके मुझे घर में ही सत्संग...

परोपकार करते समय मन में अभिमान न आ जाए इसका रखना चाहिए ध्यान: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, मानव का अन्तकाल बहुत कष्टदायक होता है। उस समय यदि पुण्य का स्मरण हो और तीर्थ में किए गये प्रभु के दर्शन की झांकी सामने आ जाये तो जीव...

प्रतिदिन सुबह उठकर सूर्य नमस्कार करने से तन और मन दोनों में होता है सुधार: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, याद रखो ! तुम्हारी खबर लेने के लिए परमात्मा किसी न किसी रूप में तुम्हारे दरवाजे पर अवश्य आते हैं। सम्भव है वे कभी दरिद्रनारायण के रूप में, कभी...

प्रभु का दास प्रभु सानिध्य के सात्विक उल्लास में ही रहता है आनन्दमग्न: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, चाहे जितने विपत्ति के पहाड़ टूट पड़ें, चाहे जितनी प्रतिकूलता की आंधी आये, पर प्रभु का दास तो उदास होता नहीं है। वह यदि उदास हो तो उसे प्रभु...
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