Divya morari bapu

जो भगवान के मुख से निकला वही है भागवत: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, 'सुखं में भूयात्' भीतर की चाह यही कहती है। परन्तु हम अन्धेरे में उलझे रहते हैं रास्ता नहीं मिलता। प्रकाश हो तो मार्ग दिखाई दे न? द्वार दिखें तो...

संसार राम के नाम का करता है जप: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, वास्तव में सत्य न नूतन है, न पुरातन है। सत्य तो सनातन है। उस सनातन सत्य की बात कहने वाले ये शास्त्र हैं। शास्त्र वचन और गुरु वचन पूर्णनिष्ठा...

सत्संग करने से भगवान हृदय को कर देते हैं शुद्ध: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भागवत भगवान् की वांगमय पूजा है। जन-जन में भगवत प्रेम जागृत करने के लिये भगवद् कथा होनी चाहिए। भगवद् भक्ति पुरुषार्थ से नहीं मिलती, भगवद् कृपा से मिलती है।...

जिज्ञासा युक्त प्रश्न से आत्मिक यात्रा का होता है आरम्भ: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, जितना बन सके शरीर से संसार की सेवा करो, मन से भगवान का स्मरण करो। स्मरण और सेवा ये दोनों न छूटे। सेवा स्नेह पूर्वक होती है। क्रिया में...

भक्ति, ज्ञान, कर्म और उपासना हैं कल्याण के चार मार्ग: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भगवान श्रीराम का व्यक्तित्व इतना निर्विवाद है कि वह प्रत्येक दल, संप्रदाय, वर्ग और व्यक्ति के लिए प्रेरक हैं। गोस्वामी श्रीतुलसीदासजी महाराज ने श्री रामचरितमानस में चार घाट और...

आस्तिक हो या नास्तिक सबको है ज्ञान की आवश्यकता: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भगवान श्रीराम का व्यक्तित्व इतना निर्विवाद है कि वह प्रत्येक दल, संप्रदाय, वर्ग और व्यक्ति के लिए प्रेरक हैं। गोस्वामी श्रीतुलसीदासजी महाराज ने श्री रामचरितमानस में चार घाट और...

रामराज्य के राम ने त्याग और समर्पण का कीर्तिमान किया स्थापित: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भगवान् श्रीराम मां कैकेयी का आभार मानते हुए,  मुक्ति का आनंद लेते हुए वन की ओर गये। पिता दीन्ह मोहि कानन राजू। जहँ सब भाँति मोर बड़ काजू।। तो...

संसार में करुणावश होता है भगवान का अवतरण: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, संसार में कर्मवश जीव को आना पड़ता है और संसार में करुणावश भगवान का अवतरण होता है। "विप्र धेनु सुर संत हित लीन्ह मनुज अवतार। निज इच्छा निर्मित तनु...

जिस संशय में समाधान की प्यास नहीं होती, वह धीरे-धीरे सिद्धांत का ले लेता है रूप: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भगवान श्रीकृष्ण आत्मा के अविनाशी स्वरूप को अपने सखा अर्जुन को श्रीमद्भागवत गीता में समझा रहे हैं। आत्मा जन्मती नहीं है और मरती भी नहीं है। जिस प्रकार सूर्य...

जीवन की आवश्यकताओं को जुटाना कोई पाप नहीं: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, अर्थ का हेतु धर्म है, काम नहीं, और काम का हेतु अच्छा भोजन, अच्छे कपड़े, अच्छा बंगला सब चाहिए। लेकिन उसका हेतु क्या है? उसका हेतु यह है कि...
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