Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, प्रभु-प्रेम के बिना ज्ञान शोभा नहीं देता। ब्रह्मज्ञानी को ब्रह्म प्रेमी बनना पड़ता है, जहाँ कथा-कीर्तन आदि होते हैं, वहाँ प्रभु गुप्त रूप से आते हैं। क्योंकि प्रभु को तो...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, मनुष्य अपने शरीर से उतने पाप नहीं करता है, जितने अपने मन से करता है। तन से किये गये पापों के पकड़े जाने का डर रहता है, अतः मनुष्य...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, हृदय को भक्तिरस में डुबोकर ही तीर्थ यात्रा करो। तीर्थ में मौज-शौक करने या निन्दा करने के लिए नहीं जाना है और न ही घूमने-फिरने की भावना से वहाँ...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, कई लोगों को भगवान के भक्तों में भी दोष दिखाई देते हैं। इतना ही नहीं, कुछ लोग तो भगवान में भी दोष ढूंढने की नजर रखते हैं। मनुष्य के...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, शरीर के स्वास्थ्य के प्रति हम जितना सावधान रहते हैं उतना ही मन के स्वास्थ्य के लिए भी सावधान रहें। दूसरा सब कुछ भले ही बिगड़े, पर मन न...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, शरीर के स्वास्थ्य के प्रति हम जितना सावधान रहते हैं उतना ही मन के स्वास्थ्य के लिए भी सावधान रहें। दूसरा सब कुछ भले ही बिगड़े, पर मन न...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, 'प्रभाते करदर्शनम्' के पीछे अपनी संस्कृति की कितनी भव्य भावना समाई है। भारतीय संस्कृति कहती है : हे मानव ! नित्य सवेरे ब्रह्ममुहूर्त में उठकर ध्यान चाहे परमात्मा का...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, जरासंध के जब लगातार आक्रमण होने लगे तब शान्ति और सुरक्षा के लिए श्री कृष्ण ने द्वारिका बसाई। जरासंध अर्थात् जरा - वृद्धावस्था और द्वारिका अर्थात् ' द्वारे द्वारे...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, दूसरों से मानपत्र प्राप्त करने की आकांक्षा मत रखो, क्योंकि यह दुनियां स्वार्थों से भरी हुई है, अतः सत्य नहीं है और आज मानपत्र प्रदान करने वाले शायद कल...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, प्रभु किसी को न सुख देते हैं न दुःख। मनुष्य के अच्छे और खराब कर्म ही उसके सुख-दुःख के कारण हैं। किन्तु चंचल मन तो प्रभु को ही सुख-दुःख...