Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, जद्यपि सम नहिं राग न रोषू। गहहिं न पाप पुण्य गुन दोषू।।तदपि करहिं सम विषम बिहारा। भगत अभगत ह्रदय अनुसारा।।मानत सुख सेवक सेवकाई। सेवक वैर वैरु अधिकाई।।
संत सेवा को...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, तीर्थगुरु श्रीपुष्करराजजी में निवास करने की भी बहुत महिमा है। भक्ति के चार चरण हैं - नाम, रूप, लीला, धाम। भगवान का नाम जपना भक्ति का एक चरण है।...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, दुष्करं पुष्करं दानं- दान की महिमा तो सर्वत्र है लेकिन पुष्कर में दान की बहुत अधिक महिमा है। धर्म शास्त्रों में धर्म के चार चरण बताये गये हैं, सत्य,...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, पुष्कर तीर्थ में तप की बहुत महिमा है। सभी धर्म शास्त्रों में तीर्थगुरु पुष्कर की महिमा का वर्णन किया गया है। कोई ऐसे ऋषि महर्षि नहीं हुए, जिन्होंने पुष्कर...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, तीर्थगुरु पुष्कर की यात्रा करना बड़े सौभाग्य की बात है लेकिन बिना पुण्य के हम पुष्कर दर्शन नहीं कर पाते हैं। एक बार भगवान श्रीकृष्ण पाण्डवों की सभा में...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, तीर्थगुरु पुष्कर की महिमा- हम लोग सबसे पहले सम्पूर्ण लोकों के स्वामी जगतपति श्री भगवान को नमस्कार करते हैं। जो भगवान प्रधानतत्व (प्रकृति तत्व) के वेत्ता है तथा जगत...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, ब्रह्मधाम तीर्थगुरु श्रीपुष्कर सरोवर की वंदना- जो चंद्रमा के समान धवल एवं स्वच्छ है, जिसमें हाथी के सूंढ़ के समान आकार वाले जलचर जीवों के सञ्चरण करने के कारण...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, अन्तकाल में संसार के किसी भी चित्र का चिंतन करने से मन खराब हो जाता है, क्योंकि संसार के सब चित्र-आकृतियां माया से बनी हुई है। संसार में किसी...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, आपको संसार अच्छा लगता होगा तो आपके मन में संसार जायेगा और आपको प्रभुस्वरूप अच्छा लगता होगा तो आपके हृदय में प्रभु-स्वरूप बस जायेगा। मानव को शान्ति से विचार...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भक्ति से ही ज्ञान परिपूर्ण होता है और योग भी भक्ति से ही सफल होता है। भक्ति रहित ज्ञान और भक्ति रहित योग मृत्यु को बिगाड़ता है। परमात्मा के...