Rajasthan

प्रभु के भक्त प्रत्येक परिस्थिति में देखते हैं प्रभु का उपकार: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, प्रभु को प्रसन्न करने के लिए ही प्रवृत्ति में लगो। भक्त एकनाथ की पत्नी उनके लिए बहुत अनुकूल थी, इसलिए भक्त प्रसन्न होकर प्रभु से कहता, " मेरे नाथ...

पुण्य करते समय अभियान में चूर रहने वाला मनुष्य पाप करते समय रखता है सावधानी: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, पुण्य करते समय अभियान में चूर रहने वाला गाफिल मनुष्य पाप करते समय बड़ी सावधानी रखता है। उस समय तो अंग-अंग में इस बात की सावधानी घर कर जाती...

जीवन में धीरे-धीरे संयम बढ़ाते हुए भक्ति करोगे तो अवश्य मिलेंगे प्रभु: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, अभेद भाव- मां और पुत्री का हृदय एक जैसा होता है, इसलिए एक को दूसरे का डर नहीं रहता। लेकिन सास-बहू एक ही घर में हमेशा रहकर हृदय से...

जिस जीव पर प्रभु की कृपा उतरती है, उसे शीघ्र मिलती है पाप की सजा: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, जिस जीव पर प्रभु की कृपा उतरती है, उसे पाप की सजा शीघ्र ही मिलती है और जिस पर प्रभु की कृपा कम होती है, उसे पाप की सजा...

कलियुग का मनुष्य घर का नहीं कर सकता त्याग: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, घर-प्रभु का मंदिर- आज का मनुष्य न तो घर छोड़ सकता है और न ही घर में शांति प्राप्त कर सकता है. घर के लड़के-लड़की आज्ञा नहीं मानते. इस...

भगवान श्रीकृष्ण का ही स्वरूप है श्रीमद्भागवत महापुराण: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, किसी स्थान विशेष और समय विशेष को पाकर किसी भी अनुष्ठान की महिमा बढ़ जाती है। समस्त अनुष्ठानों में श्रीमद्भागवत महापुराण का अनुष्ठान सबसे अधिक महिमा वाला है। जब...

सत्संग से जीवन को प्राप्त होती है गति: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, चार धाम यात्रा में  भारतवर्ष की महिमा का दर्शन-बद्रीनारायण की यात्रा पर जाते समय बीच में जय-विजय नामक दो पहाड़ो को पार करने में यात्रियों को अत्यन्त कष्ट होता...

केवल ईश्वर ही करते हैं निःस्वार्थ प्रेम: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, वेद भगवान् कहते हैं कि संसार में सब रिश्तेनाते स्वार्थ के हैं। सब स्वार्थ बस प्रीति करते हैं।निःस्वार्थ प्रेम तो केवल परम पिता ईश्वर ही करते हैं या ईश्वर...

साधक को अपने कर्तव्य का पालन करते हुए करना चाहिए भगवान का भजन: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, जरा सी भूल हुई, स्कूटर फिसला, चक्का गलत घूमा कि दुर्घटना में व्यक्ति प्राण गंवा बैठा। एक ठोकर ही प्राण ले गई। काल हर समय व्यक्ति के संग है।...

वैराग्य जीवन के सार्थकता और सच्चाई का करता है दर्शन: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, वैराग्य ही एक ऐसा तत्त्व है जो पदार्थों का सही मूल्यांकन करवाकर उनके सही स्वरूप का दिग्दर्शन कराता है। ऐसे एक्स-रे मशीन शरीर के अंदर के दोष अथवा रोग...
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