Rajasthan

परमात्मा के सामने नहीं टिक सकता काल: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, मानव के मन में हर समय एक ही भाव होना चाहिए, वह यह है कि देह रूपी धर्मशाला त्याग करके मेरे शाश्वत घर प्रभु चरण में मुझे पहुंचना है।...

परमात्मा को पाने की चाह मनुष्य के जीवन को कर देती है अलौकिक: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, जिसे प्रभु मिलन की तीव्र चाह है, जिसे प्रभु दर्शन की तीव्र आतुरता है, उसे यदि प्रभु-दर्शन मिलने से पहले ही देहत्याग करना पड़े, तो भी उसकी मृत्यु मंगलमय...

हर समय, हर हालत में मन को प्रभु स्मरण में रखें लीन: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, जीवात्मा को जीवन यात्रा में एक बात सर्वदा स्मरण रखनी चाहिए कि मृत्यु के समय उसे किसी से नहीं मिलना है, सिर्फ परमात्मा से ही मिलना है। जीवन काल...

परमात्मा के चरणों में है जीवात्मा का वास्तविक घर: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, जीवात्मा का यदि कोई सच्चा घर है तो वह परम कृपालु परमात्मा के चरणारविंद ही हैं।जीवात्मा जिसे अपना घर मानता है, वह तो उसे माता-पिता के विवाह के बाद...

प्रत्येक जीव के साथ रहते हैं परमात्मा: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, जब जीव अपना असली स्वरूप और परमात्मा के साथ का अपना शाश्वत सम्बन्ध भूल जाता है, किसी स्त्री या पुरुष को अपना मान लेता है और ईश्वर का प्रेम...

तत्व की दृष्टि से देखें तो जगत का नहीं है जीव: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, परमात्मा श्रीकृष्ण के साथ सम्बन्ध रखने से जीवन और मृत्यु दोनों मंगलमय हो जाते हैं। जीव का जगत के साथ का सम्बन्ध कच्चा है। जीव का परमात्मा के साथ...

पार्थ का मतलब होता है पुरुषार्थ: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, श्रीरामजी का अनुसरण कठिन है तो श्रीकृष्णजी को समझना कठिन है। श्रीकृष्णजी को तो बड़े पंडित भी नहीं समझ पाये। श्रीकृष्णजी एक प्रश्नार्थ हैं? और श्रीराम एक पूर्ण विराम...

व्यापक और सर्वत्र समान है परमात्मा: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, युधिष्ठिर का अर्थ है धर्म। भीम का मतलब है बल, शक्ति। अर्जुन का मतलब है आत्मा, नकुल का मतलब है रूप और सहदेव का मतलब है ज्ञान। राजा धार्मिक...

राष्ट्र के विकास के लिये बहुत बड़ा योगदान कर सकता है धर्म: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, साधु का अर्थ है जिसने अपने लिये जीना छोड़ दिया। साधु का अर्थ है जिसने अपना जीवन समर्पित कर दिया है। जो समाज और राष्ट्र के लिये जी रहा...

श्रीव्यासजी के वचन रूपी सरोवर में खिला है महाभारत रूपी कमल: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, श्रीव्यासजी के वचन रूप सरोवर में महाभारत रूप कमल खिला है और महाभारत रूप कमल की जो सुगंध है, सुरभि है, उत्कट गंध है उसका नाम ही गीता है। किसी...
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