Rajasthan

नरक चतुर्दशी के दिन ही भगवान श्री कृष्ण ने भौमासुर का किया था उद्धार: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, कार्तिकमास, कृष्णपक्ष, चतुर्दशी तिथि को अनेक नामों से जाना जाता है, साधना पक्ष में इस तिथि का बहुत महत्व है। तंत्र साधना करने वाले इस स्थिति पर अनेक प्रकार की...

जो धनतेरस के दिन महालक्ष्मी का पूजन करते हैं, उनके यहां महालक्ष्मी का रहता है अखंड वास: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, श्री धनतेरस महापर्व भगवान श्रीधनवंतरिजी का पूजन- भगवान विष्णु के चौबीस अवतारों में एक धनवंतरि अवतार हुआ। भगवान श्रीधनवंतरि आयुर्वेद के संस्थापक हैं। समुद्र मंथन के समय कार्तिक कृष्णपक्ष त्रयोदशी...

समग्र मानवता के लिए शिक्षा प्रदान करने वाला है भगवान श्रीराम का चरित: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भगवान श्री रामचंद्र जी आत्मवान और जितक्रोध है। आत्मवान अर्थात आत्मविश्वास से युक्त हैं। श्री राम जी के जीवन में आत्मविश्वास कभी डिगा नहीं। वे शक्ति संपन्न है किन्तु...

मनुष्य का शक्ति, सद्गुणों और धर्मनिष्ठा से संरक्षित होना है आवश्यक: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, सद्गुणों की कथा- श्रीरामकथा सर्वप्रथम, एक बात स्मरण में रखें कि संसार में गुणी लोगों की निरंतर खोज होती है। जिनका जीवन गुणों से युक्त है, जिनके जीवन में...

रामायण पढ़ने सुनने से जीवन में मानवता का होता है सृजन: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, सर्वप्रथम, एक बात स्मरण में रखें कि संसार में गुणी लोगों की निरंतर खोज होती है। जिनका जीवन गुणों से युक्त है, जिनके जीवन में गुणों की अधिकता है,...

भगवान का नाम मुख में आने के लिए पुण्य का होना होता है आवश्यक: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, सफलता का श्रेय तो सभी लेते हैं किन्तु विफलता का श्रेय कोई नहीं लेता। ' जो भी अच्छा हुआ वह मेरे कारण हुआ ' ऐसा कहने वाले अनेक लोग...

योगाभ्यास करते-करते कांतियुक्त हो जाता है साधक का स्वर्णिम शरीर: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, श्रीमद्भागवत महापुराण में एक कथा आती है. भगवती मां गंगा ने स्वर्ग से धरती पर अवतरण करते समय भगीरथ से दो प्रश्न किए थे. 'भगीरथ, जब मेरा वेग अत्यन्त तीव्र...

श्रीरामचरितमानस का श्रवण करने से समस्त ग्रन्थों के पाठ का प्राप्त हो जाता है फल: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा,श्रीबाल्मीकि रामायण समस्त श्रीराम कथाओं की गंगोत्री है। भगवती गंगा के अनेक प्रवाह हैं। अनेक शाखाएं हैं। तथापि सबका मूल स्थान जिस प्रकार गंगोत्री है, उसी प्रकार समस्त श्रीराम कथाओं का...

किसी भी कवि को प्रभु श्रीराम के प्रति कुछ बोले या लिखे बिना नहीं होती जीवन की पूर्णता अनुभूत: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भागवत एक, रामायण अनेक- भागवत-कथा का वर्णन करना राम कथा के वर्णन की अपेक्षा सरल है। क्योंकि श्रीमद्भागवत की एक ही संहिता है। भगवान वेदव्यास का भागवत एक सरल...

कुलगुरु वशिष्ठ मुनि के मार्गदर्शन में श्रीराम व भगवती सीता ने हवनकर्म विधिपूर्वक किये संपन्न: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, श्रीराम राज्याभिषेक का उत्सव केवल अयोध्या के लोगों के बीच ही रहा हो, ऐसा नहीं है अपितु सारी सृष्टि उत्सवमयी हो गयी है। वैदिकों का शुभागमन हुआ है। अयोध्या...
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