Dengue in Noida: Eye Flu के बाद अब यूपी में डेंगू की दस्तक, जानिए इसके लक्षण और बचने के उपाय

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Dengue in Noida: बारिश के मौसम में तमाम प्रकार की बीमारियां फैलने लगती है. इस बीच उत्तर प्रदेश में डेंगू ने दस्तक दी है. हाल ही में गाजियाबाद में डेंगू से एक व्यक्ति की मौत के बाद प्रदेश के नोएडा में सतर्कता बढ़ा दी गई है. गौतमबुद्धनगर में स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है. उधर ग्रेटर नोएडा की दो सोसाइटी में डेंगू के दो मरीजों की पुष्टी की गई है. मरीजों के मिलने के बाद सोसाइटी में मरेलिया विभाग की टीम को जांच में मच्छर का लार्वा मिला है.

इस मामले में लार्वा सोसाइटी के फव्वारे और कंटेनर में पाया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स में मिली जानकारी के अनुसार जनपद में कई स्थानों पर जगह जगह जाकर मच्छर के लार्वा की जांच की जाएगी. अगर किसी भी स्थान या सोसाइटी में लार्वा पाया जाता है को सोसाइटी के खिलाफ जुर्माना लगाया जाएगा.

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क्या है डेंगू?
डेंगू एक ऐसी बीमारी है जो मच्छरों के काटने से फैलती है. हालांकि, डेंगू के लिए सभी मच्छर जिम्मेदार नहीं होते हैं. दरअसल, ये एडिज मच्छरों के काटने से फैलता है. इसका लार्वा साफ और ठहरे पानी में पनपता है. लिहाजा चिकित्सकों का कहना है कि किसी भी एक स्थान पर देर तक पानी ना ठहरने दें. जानकारी हो कि नोएडा में अब तक 62 डेंगू के मरीजों की पुष्टी हो चुकी है. जिन लोगों में डेंगू की पुष्टी हुई है उनमें ज्यादा से ज्यादा सोसाइटी में रहने वाले हैं.

क्या हैं डेंगू के लक्षण?
चिकित्सकों का कहना है कि डेंगू के मच्छर अधिकतर बारिश के मौसम में ही फैलते हैं. लक्षणों की बात करें तो किसी भी व्यक्ति को तेज बुखार, सिरदर्द, उल्टी, आंखों में दर्द, ग्रंथियों में सूजन, हड्डियों और जोड़ों में दर्द की शिकायत है तो संभव है कि वो डेंगू का शिकार हो गया है. अगर इनमे से कोई भी लक्षण आपको दिखता है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

कैसे करें डेंगू से बचाव

  • शरीर को ढक कर रखें. विशेषकर बच्चों को बाहर जाते समय पूरे कपड़े पहनाएं.
  • इस बात का ध्यान रहे कि डेंगू का मच्चर सुबह और शाम को सक्रिय रहता है. ऐसे में इस समय बाहर जाने से बचें.
  • डेंगू होने के बाद सबसे पहले बुखार होता है, इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. घर में या घर के आस पास पानी ना एकत्र होनें दें.
  • किसी भी स्थान पर अगर पानी इकट्ठा हो रहा है तो तुरंत वहां से उसके निकासी की व्यवस्था करें. पानी निकल जाने के बाद वहां पर कीटनाशनक दवाओं का छिड़काव कराएं.
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