प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने गुरुवार, 31 जुलाई 2025 को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा और झारखंड के 13 जिलों में फैली चार मल्टीट्रैकिंग रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी है. इन परियोजनाओं के पूरा होने से भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 574 किलोमीटर की वृद्धि होगी, जिससे माल और यात्री परिवहन दोनों को मजबूती मिलेगी. भारतीय रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि इन चार परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत ₹11,169 करोड़ है और मल्टीट्रैकिंग कार्य 2028-29 तक पूरा कर लिया जाएगा.
6 राज्यों में 4 बड़ी रेलवे परियोजनाएं मंज़ूर
इन परियोजनाओं में इटारसी-नागपुर चौथी लाइन, औरंगाबाद (छत्रपति संभाजीनगर)-परभणी दोहरीकरण, अलुआबारी रोड-न्यू जलपाईगुड़ी तीसरी और चौथी लाइन के साथ-साथ डांगोआपोसी-जरोली तीसरी और चौथी लाइन शामिल हैं. ये परियोजनाएँ लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध संपर्क प्रदान करेंगी. प्रवक्ता ने बताया कि प्रस्तावित मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना लगभग 2,309 गाँवों तक संपर्क बढ़ाएगी, जिनकी आबादी लगभग 43.60 लाख है.
रेलवे की मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं से 95.91 MTPA माल परिवहन बढ़ेगा
प्रवक्ता ने आगे कहा, “कोयला, सीमेंट, क्लिंकर, जिप्सम, फ्लाई ऐश, कंटेनर, कृषि वस्तुओं और पेट्रोलियम उत्पादों आदि जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए ये आवश्यक मार्ग हैं. क्षमता वृद्धि कार्यों के परिणामस्वरूप 95.91 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) का अतिरिक्त माल यातायात होगा.” ये बहु-ट्रैकिंग प्रस्ताव परिचालन को सुव्यवस्थित करने और भीड़भाड़ को कम करने के लिए तैयार हैं. इन परियोजनाओं की योजना पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत बनाई गई है, जिसमें एकीकृत योजना और हितधारक परामर्श के माध्यम से मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक दक्षता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है.