Iran : डोनाल्ड ट्रंप ने छह भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है. इसके साथ ही भारत पर 25 परसेंट टैरिफ की घोषणा के बाद ईरान का बड़ा बयान आया है. ऐसे में ईरान ने अमेरिका पर भड़कते हुए आरोप लगाया कि वह अर्थव्यवस्था का हथियारकरण कर रहा है और प्रतिबंधों का इस्तेमाल स्वतंत्र देशों जैसे ईरान और भारत पर अपनी इच्छा थोपने और उनके विकास में बाधा डालने के लिए कर रहा है.
अमेरिका अर्थव्यवस्था को बना रहा हथियार
सोशल मीडिया के एक्स प्लेटफॉर्म पर ईरान में भारत के दूतावास ने पोस्ट करते हुए कहा कि ‘अमेरिका लगातार अर्थव्यवस्था को हथियार बना रहा है. इसके साथ ही प्रतिबंधों का उपयोग स्वतंत्र राष्ट्रों जैसे ईरान और भारत पर का विकास को रोकने के लिए कर रहा है. ये भेदभावपूर्ण और जबरदस्ती भरे कदम राष्ट्रीय संप्रभुता के सिद्धांतों का उल्लंघन हैं.
ईरानी दूतावास ने पोस्ट में कहा
बता दें कि ईरानी दूतावात ने पोस्ट में कहा कि ‘ऐसी नीतियों का विरोध एक अधिक शक्तिशाली, उभरते हुए, गैर-पश्चिमी बहुपक्षीय विश्व व्यवस्था और एक मजबूत वैश्विक दक्षिण की ओर उठाया गया कदम है.’ जानकारी के मुताबिक, अमेरिका के उस ऐलान के 24 घंटे के बाद ईरान की यह प्रतिक्रिया आई. जिसमें ट्रंप ने एक अगस्त से भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने और रूस से तेल खरीदने के लिए पेनल्टी लगाने की बात कही थी.
अमेरिका की तरफ से लगाए गए प्रतिबंधों की कड़ी निंदा
ऐसे में ईरानी विदेश मंत्रालय ने ईरान के तेल व्यापार पर लगाए गए नए अमेरिकी प्रतिबंधों को एक कृत्य करार दिया. इसके साथ ही उसका मकसद बताते हुए कहा कि देश के आर्थिक विकास और उसके नागरिकों की भलाई को नुकसान पहुंचाना है. बता दें कि ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बकाई ने ईरान के तेल और ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ी संस्थाओं, व्यक्तियों और जहाजों पर अमेरिका की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों की कड़ी निंदा की.
प्राप्त जानकारी के अनुसार तेहरान में बकाई ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि ये एकतरफा और अवैध प्रतिबंध अपराध की श्रेणी में आते हैं, उन्होंने कहा कि जो मानवाधिकारों के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन करते हैं वो मानवता के खिलाफ अपराध हैं.
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