अफ्रीका और सीरिया में बढ़ा इस्लामिक स्टेट और अल-कायदा का खतरा, संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में खुलासा

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Islamic State threat: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को एक नई रिपोर्ट सौंपी गई है, जिसमें बताया गया है कि अफ्रीका के कुछ हिस्‍सों में इस्लामिक स्टेट (आईएस) और अल-कायदा जैसे चरमपंथी संगठनों का सबसे ज्‍यादा खतरा है और अब यह सीरिया की ओर भी तेजी से बढ़ रहा है. रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने बताया है कि दोनों आतंकी संगठन सीरिया को भविष्य के लिए एक रणनीतिक केंद्र के रूप में देख रहे हैं जहां से वे बाहरी हमले संचालित कर सकते हैं.

रिपोर्ट में बताया गया है कि पश्चिम अफ्रीका में अल-कायदा से जुड़ा समूह ‘जमात नुसरत अल-इस्लाम वल-मुस्लिमीन’ (जेएनआईएम) और पूर्वी अफ्रीका में ‘अल-शबाब’ संगठन लगातार अपने प्रभाव वाले इलाकों का विस्तार कर रहे हैं. इस्लामिक स्टेट के मिडिल ईस्ट में कमजोर पड़ने के बाद अफ्रीका में उनका ध्यान केंद्रित हुआ है.

सीरिया में फिर सिर उठा रहा आतंक

बता दें कि सीरिया में बशर अल-असद के सत्ता से हटने के छह महीने बाद भी हालात अस्थिर बने हुए हैं. ऐसे में ही वहां दोनों आतंकी संगठनों के खतरे बढ़ते जा रहे हैं. इसके अलावा, दिसंबर 2023 में दमिश्क पर कब्जे की सैन्य कार्रवाई में 5,000 से ज्यादा विदेशी आतंकियों के शामिल होने की जानकारी सामने आई है.

यूरोप और अमेरिका पर भी खतरा बरकरार

विशेषज्ञों का कहना है कि यूरोप और अमेरिका के लिए इस्लामिक स्टेट का खतरा अब भी गंभीर है. अमेरिका में कई आतंकी साजिशें आईएसआईएस से प्रेरित पाई गई हैं, जिनमें सोशल मीडिया और एन्क्रिप्टेड प्लेटफॉर्म्स के जरिए कट्टरपंथ फैलाया गया. रिपोर्ट के अनुसार, न्यू ऑरलियन्स में एक हमले में 14 लोगों की मौत और मिशिगन में एक सैन्य ठिकाने पर हमले की योजना नाकाम की गई.

आर्थिक संकट में हैं आतंकी संगठन

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट को फंडिंग में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उनके लड़ाकों की सैलरी 50-70 डॉलर प्रति माह तक घटा दी गई है, जो पहले से कहीं कम है. परिवारों को दी जाने वाली राशि भी अब केवल 35 डॉलर है और वह भी नियमित रूप से नहीं दी जा रही.

फंडिंग के लिए अपनाए जा रहे नए तरीके

रिपोर्ट में बताया गया कि ये आतंकी संगठन धन जुटाने के लिए क्षेत्रीय संसाधनों का दोहन, समुदायों पर टैक्स, फिरौती के लिए अपहरण और व्यापारिक नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं. साथ ही अब वे महिला दूतों और ‘हवाला’ जैसी प्रणालियों के जरिए फंड ट्रांसफर कर रहे हैं ताकि पहचान से बचा जा सके.

यमन-सोमालिया के बीच खतरनाक गठजोड़

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पूर्वी अफ्रीका में अल-शबाब और यमन के हूती विद्रोहियों के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं. दोनों के बीच हथियारों की अदला-बदली और प्रशिक्षण की साझेदारी हो रही है, जिससे क्षेत्र में खतरा और बढ़ गया है. इस दौरान विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर इन गतिविधियों पर रोक नहीं लगी तो ये संगठन अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए और बड़ा संकट बन सकते हैं.

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