लखनऊः पिछले कई दिनों से सूर्यदेव आंखें तरेरे हुए थे. इनकी तेज चमक का आलम यह था कि कुछ देर की कौन कहे, एक सेकेंड भी इनसे नजरें मिला पाना किसी के लिए संभव नहीं था. तेज धूप के बीच आम जन-जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त था. गर्मी से परेशान हर कोई मौसम की दुहाई देते हुए इंद्रदेव की कृपा का इंतजार कर रहा था. इसी बीच बुधवार की सुबह आसमान से इंद्रदेव की कृपा बरसी. घंटों तेज और धीमी बारिश होने से मौसम पूरी तरह से कूल-कूल होने से एक तरफ जहां गर्मी से बेहाल लोगों को काफी राहत मिली, वहीं सड़कों और गलियों के झील में तब्दील होने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा. बारिश थमने के बाद आवागमन का दबाव बढ़ने से तमाम मार्गों पर लोगों को जाम के झाम से रुबरु होना पड़ा.
घंटों हुई तेज और धीमी बारिश
मालूम हो कि पिछले कई दिनों से मौसम का तेवर काफी तल्ख था. आलम यह था कि भीषण उमस और गर्मी से हर कोई बेहाल था. एक पल के लिए भी लोगों के चैन नहीं मिल पा रहा था. ऐसे में हर कोई मौसम की दुहाई देते हुए इंद्रदेव से बारिश की प्रार्थना कर रहा था. हालांकि इस बीच धूप-छाप का खेल भी चल रहा था. जैसे ही बदली छा रही थी, लोगों के मन में यह बात आ रही थी कि शायद अब-तब बारिश होगी, लेकिन इसी बीच तेज धूप निकल जाने से लोग निराश हो जा रहे थे. मौसम की इसी लुका-छिपी के बीच बुधवार की भोर में करीब पांच बजे बारिश का क्रम शुरु हो गया, दिन में करीब दस बजे तक तेज और धीमी बारिश का क्रम जारी रहा. घंटों बारिश होने से मौसम पूरी तरह से कूल-कूल हो गया और गर्मी से परेशान लोगों को काफी राहत मिली.
सड़कों-गलियों में जमा हुआ पानी
घंटों तेज और धीमी से बारिश से एक तरफ जहां मौसम ठंडा हो गया, वहीं तमाम सड़कें और गलियां झील में तब्दील हो गई. इससे लोगों के सामने आवागमन की समस्या खड़ी हो गई. लोग इस सोच में पड़ गए, पानी के बीच से किस तरह से निकले. नजरबाग इलाके की सड़कें पूरी तरह से बारिश के पानी से ढकी रही. करीब एक फीट तक पानी लगा हुआ था.
घर के दवराजे पर खड़े होकर सोचने लगे लोग
नजरबाग में तमाम अर्पाटमेंट है. इसमें सैकड़ों लोग रहते है. खासकर नौकरी करने वाले अधिकांश लोग रहते है. आफिस जाने के लिए जैसे ही लोग अपने कमरे से निकलकर अर्पाटमेंट के मेन गेट पर पहुंचे, सामने सड़क पर झील का नजारा देख उनके पैर दरवाजे पर ही थम गए और वे इस सोच में पड़ गए कि पानी के बीच से कैसे निकले. उनकी नजरें इस बात से इधर-उधर दौड़ने लगी कि शायद कोई रिक्शा, ई-रिक्शा या फिर कोई आटो वाला दिख जाए, जिसका सहाारा लेकर वे पानी को पार कर सके. जिन लोगों को ये साधन मिल गए, वे तो पानी से दो-दो हाथ करने से बच गए, लेकिन जिन्हें साधन नहीं मिला, उन्हें पानी के बीच से निकलने को विवश होना पड़ा. कई लोग हाथों में चप्पल-जूता लेकर आते-जाते दिखाई दिए.
बारिश बंद होते ही बढ़ा आवागमन का दबाव, लगा जाम
बारिश के दौरान मार्गों पर आवागमन थमा रहा. सिर्फ चारपहिया वाहन ही दौड़ते नजर आए. हालांकि जिनकी कुछ मजबूरी थी, वह बारिश के बीच भी आवागमन करते दिखे. कई बाइक सवार युवा बारिश का आनंद भी लेते नजर आए, लेकिन अधिकांश लोग बारिश से बचने के लिए सुरक्षित स्थानों या घरों में रुके रहे. बारिश बंद होते ही मार्गों पर आवागमन का दबाव बढ़ गया. इसकी वजह से कई मार्गों पर लोगों को जाम का झाम झेलना पड़ा. जाम के बीच लोगों को जद्दोजहद करना पड़ा.
जिलाधिकारी ने जारी की वार्निंग
बारिश की वजह स्कूल-कालेज के जाने वाले छात्र-छात्राओं के साथ ही दफ्तर जाने वाले लोग प्रभावित हुए. वे बारिश बंद होने का इंतजार करते रहे. बारिश की वजह से छात्रों के साथ ही दफ्तार जाने वाले लोग समय से नहीं पहुंच सके. वहीं, लखनऊ के जिलाधिकारी ने वार्निंग जारी करते हुए कहा है कि पेड़ या लोहे के स्ट्रक्चर के नीचे शरण न लें. कच्चे निर्माणों से दूर रहें.