रेल टिकट बुकिंग के नियमों में हुआ ये बदलाव, अब बच्चों के हाफ टिकट पर नहीं ले पाएंगे यह लाभ

Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

IRCTC Rule Changed: भारतीय रेलवे विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है. पिछले कुछ समय में रेलवे में तमाम विकास के काम देखने को मिले हैं. ट्रेनों के आधुनिकरण के साथ स्टेशनों का विकास भी हुआ है. इसी के साथ ट्रेनों की औसत गति में भी इजाफा देखने को मिला है. अब रेलवे ने टिकट के नियमों में कुछ बदलाव किया है.

दरअसल, अब रेल यात्रा के दौरान बच्चे का हाफ टिकट लेने पर वैकल्पिक बीमा का लाभ नहीं मिलेगा. आईआरसीटीसी के अनुसार अब केवल फुल टिकट लेने पर ही इस बीमा सुविधा का लाभ मिल सकेगा. इतना ही नहीं आईआरसीटीसी ने वैकल्पिक बीमा का प्रीमियम भी बढ़ा दिया है. एक अप्रैल से ही प्रति यात्री प्रीमियम अब 35 पैसे की बजाए 45 पैसा कर दिया गया है.

जानिए बीमा सुविधा के बारे में

आपको बता दें कि जो भी यात्री ई-टिकट बुक करेगा उसको ही केवल ये वैकल्पिक बीमा योजना का लाभ मिल पाएगा. स्टेशन काउंटर से खरीदे गए टिकट पर बीमा योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा. जानकारी दें कि ऑनलाइन या ई-टिकट बुक करने पर सभी क्लास स्लीपर, चेयरकार, फर्स्ट एसी, सेकेंड एसी और थर्ड एसी आदि के कंफर्म टिकट पर बीमा की सुविधा मिलती है. वेटिंग टिकट वाले यात्री इस बीमा योजना के पात्र नहीं होंगे.

बीमा के लिए चुनना होता है विकल्प

आपको बता दें कि ऑनलाइन माध्यम से टिकट बुक करने पर आपको ये विकल्प दिया जाता है कि यात्री बीमा सुविधा का लाभ लेना चाहते हैं या नहीं. अगर यात्री बीमा सुविधा का लाभ लेना चाहता है तो उसे उस ऑप्शन पर क्लिक करना होता है. अगर वो विकल्प का चयन करता है तो कंपनी की ओर से रेल यात्री के मोबाइल और ई-मेल पर मैसेज आता है. वहीं, सबसे खास बात है कि अगर यात्रा के दौरान ट्रेन का रूट बदल भी जाता है तो भी बीमा का लाभ यात्री को मिलता है. इसी के साथ अगर रेलवे किसी कारणवश यात्रियों को सड़क मार्ग के जरिए गंतव्य तक पहुुंचाता है तो भी इस बीमा का लाभ मिलता है.

दुर्घटना में मृत्यु होन पर मिलते हैं 10 लाख

उल्लेखनीय है जो भी यात्री बीमा का चयन यात्रा के दौरान करता है. उसको इस बीमा योजना के तहत रेल यात्री की मौत होने पर 10 लाख रुपये, आंशिक विकलांग होने पर 7.5 लाख और घायल होने पर इलाज के लिए परिजनों को दो लाख रुपए दिए जाते है.

जानकारी दें कि इस बीमा योजना की शुरुआत रेलवे द्वारा सितंबर 2016 में की गई थी. उस दौरान हर यात्री का बीमा 92 रुपये में होता था, इस राशि का भुगतान सरकार खुद करती थी. बाद में इसे 42 पैसा कर दिया गया और इसका बोझ यात्रियों पर डाल दिया गया था. बाद में इसको घटाकर 35 पैसे कर दिया गया था.

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