Islamabad: पाकिस्तान समेत आठ प्रमुख मुस्लिम देशों ने कहा है कि फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए राहत एजेंसी (UNRWA) की भूमिका अपरिहार्य है. इन देशों ने UNRWA को मजबूत समर्थन देने का भरोसा जताया है. समर्थन व्यक्त करते हुए कहा है कि गाजा में अप्रत्याशित मानवीय संकट के बीच इसकी भूमिका अपरिहार्य है. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय द्वारा शुक्रवार को जारी एक संयुक्त बयान में यह जानकारी साझा की गई.
UNRWA की अपरिहार्य भूमिका की पुष्टि
बयान के मुताबिक पाकिस्तान, मिस्र, इंडोनेशिया, जॉर्डन, कतर, सऊदी अरब, तुर्किये और संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्रियों ने फलस्तीनी शरणार्थियों के अधिकारों और कल्याण की रक्षा के लिए UNRWA की अपरिहार्य भूमिका की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि यूएनआरडब्ल्यूए, अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा दी गई जिम्मेदारी को दशकों से निभाता रहा है, जिसके तहत वह लाखों फलस्तीनी शरणार्थियों को सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, सामाजिक सेवाएं और आपातकालीन सहायता प्रदान करता है.
यूएनआरडब्ल्यूए द्वारा निभाई जाने वाली आवश्यक भूमिका पर जोर
बयान में कहा गया है कि गाजा पट्टी में अप्रत्याशित मानवीय संकट के मद्देनजर मंत्रियों ने वितरण केंद्रों के अपने नेटवर्क के माध्यम से मानवीय सहायता पहुंचाने में यूएनआरडब्ल्यूए द्वारा निभाई जाने वाली आवश्यक भूमिका पर जोर दिया है. बयान में सचेत किया गया है कि एजेंसी की क्षमता को किसी भी तरह से कमजोर किए जाने के पूरे क्षेत्र में गंभीर मानवीय, सामाजिक और राजनीतिक परिणाम होंगे.
बच्चों पर लड़ाई का सबसे बुरा असर
बता दें कि इजरायल और फलस्तीन के बीच गाजा में चल रही लड़ाई का सबसे बुरा असर बच्चों पर पड़ रहा है. ये जंग धीमी तो हुई है लेकिन पूरी तरह नहीं रूक पाई है. अंतरराष्ट्रीय संगठन इसको तत्काल रोकने की अपील कर रहे हैं लेकिन फिलहाल इसका असर कम ही होता दिखाई दे रहा है. यूनीसेफ का कहना है कि इस जंग में जहां कई बच्चे अनाथ हुए हैं वहीं कई परिवार खत्म हो गए हैं. यूनीसेफ बार-बार इस बात की अपील कर रहा है कि हमलों को तत्काल रोका जाए, जिससे राहत सामग्री को जरूरतमंदों तक पहुंचाया जा सके.
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