Gaza conflict: गाजा युद्ध के बीच अमेरिका ने इजरायल को तगड़ा झटका दिया है. अमेरिका ने हमास के निरस्त्रीकरण की मांग वापस ले लिया है. यूएस के इस कदम के बाद गाजा पर 19 महीनों से जारी इजरायल की बमबारी के बाद भी वहां से हमास का शासन खत्म होना लगभग असंभव हो गया है. अब अमेरिका की प्राथमिकता 21 इजरायली बंधकों की रिहाई है.
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United States removes demand to disarm Hamas as part of ceasefire deal.#firing #Ceasefire #IndiaPakistanWar pic.twitter.com/uxvDb93LHA
— WarUpdate 🧢 (@WarUpdaaate) May 11, 2025
हमास के खात्मे की मांग कर रहा था इजरायल
दरअसल, इजरायल शुरू से ही हमास के खात्मे की मांग करता आ रहा था. इजरायल का कहना था कि हमास हथियार छोड़ दे और गाजा में या तो अमेरिका का कंट्रोल हो या फिलिस्तीन अथॉरिटी (PA) का. वहीं हमास ने इस शर्त को मानने से इनकार कर दिया था. साथ ही इजरायल की गाजा से पूर्ण वापसी की अपनी शर्त पर अड़ा रहा. अब अमेरिका ने युद्धविराम के लिए हमास के हथियार छोड़ने वाले मु्द्दे को बाद के लिए टाल दिया है.
अमेरिकी का नीति में बदलाव!
द न्यू अरब की साइट अल-अरबी अल-जदीद की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी वार्ताकारों ने मिस्र के मध्यस्थों को बताया कि हमास के निरस्त्रीकरण के मुद्दे को सीजफायर समझौते के लिए तत्काल आवश्यकता होने के बजाय बाद में हल किया जा सकता है. वार्ता से जुड़े एक मिस्री सूत्र ने अल-अरबी अल-जदीद को बताया कि अमेरिकी अधिकारियों ने हमास के हथियार छोड़ने की मांग गाजा में फिलिस्तीनी हथियारों, खासकर हमास के हथियारों के आत्मसमर्पण को युद्ध विराम समझौते से अलग करने में सहमति जताई है.
21 इजरायली बंदियों को रिहा कराना प्राथमिकता
ट्रंप के इस फैसले से पता चलता है कि अमेरिका की प्राथमिकता 21 जिंदा इजरायली बंधकों को मुक्त कराना है. वहीं इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू गाजा से हमास के खात्मे पर जोर देते आए हैं. गाजा में हमास के कैद में अभी भी करीब 21 जीवित इजरायली नागरिक है. उनकी रिहाई के लिए ये कदम अहम साबित हो सकता है. साथ ही इस समझौते के बाद गाजावासियों को कुछ राहत मिलेगी, जो पिछले 19 महीनों से, प्रतिबंध और बमबारी झेल रहे हैं. बता दें, इजरायल हमास जंग में 50 हजार से फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है.
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