सिद्धार्थनगर: जबरदस्त तनाव के बीच भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम के बाद भी सुरक्षा एजेंसियां बार्डर पर पैनी नजर रख रही हैं. नेपाल बार्डर पर स्थित कस्बा बढ़नी में गहन चेकिंग के बाद ही लोगों को भारतीय सीमा में प्रवेश की इजाजत दी जा रही है.
नेपाल जाने वालों की हो रही जांच-पड़ताल
इतना ही नहीं, नेपाल जाने वालों की भी पूरी जांच-पड़ताल की जा रही है. लोगों के वाहन के साथ ही उनके साथ मौजूद बैग और अचैटी को भी चेक किए जा रहे हैं. उनके वैध परिचय पत्र देखे जा रहे हैं. जाने का कारण पूछा जा रहा है. उसके बाद ही लोग एक-दूसरे देश में प्रदेश कर पा रहे हैं.
आतंकी गतिविधियों को लेकर संवेदनशील रही है नेपाल सीमा
यह स्थिति सिर्फ बढ़नी की नहीं है, बल्कि नेपाल सीमा स्थित खुनुवा, अलीगढ़वा, ककरहवा व हरिबंशपुर बार्डर की भी है. आतंकी गतिविधियों को लेकर नेपाल सीमा पहले से संवेदनशील रही है. ऐसे में इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता कि युद्ध विराम के बाद भी कोई आतंकी घुसपैठ का प्रयास करे. अथवा कोई आतंकी खुली सीमा का लाभ उठाकर भारतीय क्षेत्र से नेपाल जाकर खुद को सुरक्षित करे.
होटल व सरायों पर भी रखी रही नजर
ऐसे में पुलिस व एसएसबी एक-एक गतिविधियों पर पैनी नजर रख रही हैं. सीमाई थाना शोहरतगढ़ में तो नेपाल सीमा से पहले कई स्थानों पर लोगों की चेकिंग की जा रही है. मोहाना, लोटन, ढेबरुआ, कपिलवस्तु थाना क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है. पुलिस कर्मियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह होटल व सरायों पर भी नजर रखें, ताकि कोई संदिग्ध वहां पर आकर ठहरे तो उसकी जांच की जा सके.
नेपाल है आतंकियों का सुरक्षित ठिकाना
31 दिसंबर 2007 को आतंकियों ने रामपुर में सीआरपीएफ के सात जवानों को मार दिया था. उस समय आतंकियों का इंडिया कमांडर कमालुद्दीन नेपाल के काठमांडू में बैठा था. पाकिस्तानी फिदाइन मो.फारुक इमरान कजा कराची से काठमांडू के रास्ते आकर नेपाल के बुटवल व उसके आस-पास के इलाके रहते थे. यह खुली सीमा का उपयोग कर भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम देते थे.
पूर्व डीजीपी बृजलाल ने कहा
पूर्व डीजीपी बृजलाल का कहना है कि इंडियन मुजाहिद्दीन ने जितनी भी घटनाएं कीं, उसमें आजमगढ़ माड्यूल का मुख्य रोल था. यह सभी नेपाल के रास्तों का ही उपयोग करते थे. यह यहां से दुबई जाते थे और वहां से आईएसआई इन्हें पाकिस्तान ले जाती थी और वहां इन्हें प्रशिक्षण दिया जाता था और उसके बाद इन्हें पाकिस्तानी पासपोर्ट पर काठमांडू पहुंचा दिया जाता था.
वहां इनका पाकिस्तानी पासपोर्ट जब्त करके इन्हें नेपाल के रास्ते भारत भेज दिया जाता था. यहां यह आतंकी वारदातों को अंजाम देते थे. इंडियन मुजाहिद्दीन का मुख्य ठिकाना ही नेपाल था. उनके कार्यकाल में यासीन भटकल, सहजाद, छोटू, बसर सहित तमाम आतंकी पकड़े गए. ऐसे में भारत-पाकिस्तान के तनाव को देखते हुए नेपाल सीमा पर चौकसी बेहद जरूरी है.
पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक महाजन ने कहा
पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक महाजन ने कहा कि नेपाल सीमा पर पूरी सतर्कता बरती जा रही है. सभी थानाध्यक्षों को विशेष अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए है. हर संदिग्ध की गंभीरता से चेकिंग की जा रही है. इसके अलावा सभी सार्वजनिक स्थलों को लेकर पूरी तरह सतर्कता बरती जा रही है.