विशेषज्ञों ने सीज फायर उल्लंघन (Ceasefire Violation) को लेकर रक्षा मामलों के पाकिस्तान (Pakistan) की मंशा को लेकर सवाल खड़े किए हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि पाकिस्तान का लोकतंत्र ही अजीब है और उनका चरित्र ही ऐसा है कि उस पर विश्वास नहीं किया जा सकता. वो अपनी फितरत से बाज नहीं आएगा. लेफ्टिनेंट कर्नल (रिटायर्ड) संजय कुलकर्णी (Sanjay Kulkarni) ने कहा कि शनिवार शाम को 5:00 बजे सीजफायर लागू हुआ और उसके तुरंत बाद पाकिस्तान ने एलओसी (LoC) के ऊपर गोलाबारी कर दी, उसने ड्रोन भेजे.
पाकिस्तान में अजीब सा लोकतंत्र है- संजय कुलकर्णी
संजय कुलकर्णी इसकी वजह बताते हुए आगे कहते हैं, दरअसल, पाकिस्तान में अजीब सा लोकतंत्र है, पूरे विश्व में देश की फौज होती है, लेकिन यहां फौज ही देश है. पाकिस्तान में साल 1947 से लेकर आज तक सत्ता आर्मी के पास रही है. वहीं, रिटायर्ड विंग कमांडर प्रफुल्ल बख्शी (Prafulla Bakshi) का कहना है कि सीजफायर तब तक चलेगा जब तक हम पीओके नहीं ले लेते और आतंक को खत्म नहीं कर देते. हमारे डीजीएमओ ने शीर्ष अधिकारियों को जानकारी देकर सीजफायर किया. भारत-अमेरिका के संबंध अब पहले से बेहतर हैं. 1965 और 1971 में दोनों के संबंध बड़े कमजोर थे.
हर कोई अपने हित में करता है काम
उन्होंने आगे कहा कि इंदिरा गांधी के समय पर अमेरिका से हमारे अच्छे रिश्ते नहीं थे, लेकिन अब हमारे हालात अलग हैं. हर कोई अपने हित में काम करता है और हम भी अपने ही हित में काम कर रहे हैं. हम अभी भी अमेरिका को गले से लगाकर नहीं बैठे हैं. सीजफायर का मतलब कुछ समय के लिए अटैक रोकना है, तीन या चार घंटे के लिए नहीं. फिलहाल इसके ट्रिगर से उंगली हट गई है, लेकिन सेना अब भी अपना काम जारी रखेगी। वह अपनी सीमा पर तैनात है.
रक्षा मामलों के विशेषज्ञ प्रफुल्ल बख्शी ने आगे कहा कि भारत और पाकिस्तान में तीन घंटे का गैप आया था जो कि बहुत कम समय के लिए था. भारत हमेशा से करारा जवाब देने को तैयार रहता है. अगर सीमा पार से युद्ध विराम उल्लंघन किया जाएगा तो भारत जवाब देगा और यह तब तक चलेगा जब तक हम अपना उद्देश्य नहीं हासिल कर लेते. हमारा उद्देश्य आतंक को खत्म कर पीओके लेना है.