ईरान ने ट्रंप को किया बेनकाब, कहा- ‘भारत पर आरोप लगाने वाला खुद वॉर क्रिमिनल्स को बुलाता है व्‍हाइट हाऊस’

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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US India Tension: रूस के साथ व्‍यापार करने के चलते भारत पर अमेरिका द्वारा लगाए गए अतिरिक्‍त टैरिफ के बीच ईरान अमेरिका का पाखंड पूरी दुनिया के साथ उजागर कर दिया है. भारत की धरती से ईरान ने पूरी दुनिया का बता दिया है कि दिल्ली की जमीन पर ईरान की एंबेसी का झंडा हवा में लहरा रहा है. इस दौरान उसने अमेरिका को लेकर भी दो टूक कहा, जिससे सुनने के बाद डोनाल्‍ड ट्रंप को मिर्ची लगनी लाजमी है, क्‍योकि ईरान इस बार उसकी नैतिकता और अंतर्राष्‍टीय छवि पर हमला किया है.

दरअसल, भारत में ईरान के राजदूत स्‍पष्‍ट रूप से कहा कि अमेरिका भारत पर आरोप लगाता है कि यूक्रेन वॉर में रूस को फाइनेंस किया है, लेकिन वहीं अमेरिका खुद इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट से दोषी ठहराए गए वॉर क्रिमिनल्स को व्हाइट हाउस बुलाता है और इजरायल को हथियार देकर गाजा में हो रहे नरसंहार में शामिल हो जाता है.

ईरान ने अमेरिका पर लगाए ये आरोप

ईरानी एंबेसडर सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म एक्‍स पर अपने एक पोस्‍ट में कहा अमेरिका की पोल खोलते हुए लिखा कि अमेरिका, भारत पर युक्रेन युद्ध में संदिग्ध फंडिंग का आरोप लगाता है.  जबकि वह खुद आईसीसी द्वारा दोषी ठहराए गए युद्ध अपराधियों का व्हाइट हाउस में स्वागत करता है और इजरायल को हथियार देकर गाजा में चल रहे नरसंहार में खुद को सीधा शामिल करता है. यह दोगलेपन की पराकाष्ठा है. साथ ही ईरान ने अमेरिका पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है.

दरअसल, एक ओर अमेरिका जहां भारत पर यूक्रेन युद्ध में ‘संदिग्ध फंडिंग’ का आरोप लगाता है, वहीं, दूसरी ओर युद्ध अपराधियों के साथ हाथ मिलाता है और उन्‍हें हथियारों की आपूर्ति भी करता है.

पुतिन और ट्रंप की महामुलाकात

बता दें कि 15 अगस्त को अलास्‍का में पुतिन और ट्रंप की महामुलाकात होने वाली है. इस जगह को इसलिए चुना गया क्योंकि ये है अमेरिका में होने के साथ ही रूस के नजदीक भी है. इसके अलावा अलास्‍का को चुनने की एक और बड़ी वजह है, और वो है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिमिनल कोर्ट ने पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर रखा है क्योंकि उसे लगता है कि पुतिन ने यूक्रेन में वॉर क्राइम किए हैं.

इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के सदस्य नहीं ये देश

दुनिया के 124 देश इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के सदस्य हैं. ऐसे में इस कोर्ट से सजा पाया व्यक्ति यदि इन 124 देशों में से कहीं भी पकड़ा जाता है, तो उसे फौरन नीदरलैंड में स्थित इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के हेडक्वार्टर में भेजना जरूरी होता है. लेकिन खास बात ये है कि चीन, साउथ कोरिया, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका और भारत समेत कई देश आईसीसी के सदस्य नहीं हैं. और यही वजह है कि पुतिन ने ट्रंप से मुलाकत के लिए अलास्‍का को चुना है.

वहीं, गौर करने की बात ये है कि अमेरिका काफी समय से भारत पर आरोप लगाता है कि उसने रूस से तेल खरीदा जिससे यूक्रेन वॉर को फंडिंग हुई. लेकिन वो खुद भी तो खुलेआम इजरायल को हथियार सप्लाई कर रहा है, जबकि दुनिया देख रही है कि गाजा में मासूम लोग मारे जा रहे हैं. ये वही अमेरिका है जिसने अपने दुश्मनों के लिए एक सेट ऑफ रूल्स बनाए हैं और दोस्तों के लिए  दूसरा यानी नियम सिर्फ दूसरों के लिए खुद के लिए नहीं.

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