रेसिप्रोकल टैरिफ योजना पर अड़े डोनाल्ड ट्रंप, 2 अप्रैल को बताया अमेरिका के लिए मुक्ति दिवस

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

America Reciprocal Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-चीन समेत कई देशों द्वारा लगाए जा रहे  टैरिफ को अनुचित करार दिया है. इसके साथ ही उन्‍होंने 2 अप्रैल को जवाबी शुल्क लगाने की घोषणा भी की है. उन्होंने कहा है कि अमेरिका दूसरे देशों से आयात पर वही शुल्क लगाएगा, जो वो अमेरिकी निर्यात पर लगाते हैं.

ट्रंप ने हाल ही कनाडा के स्टील और एल्युमीनियम पर अतिरिक्‍त टैरिफ लगाया है. जिसके लेकर उन्‍होंने कहा कि इन धातुओं पर छूट देने का उनका कोई इरादा नहीं है. साथ ही ये भी स्‍पष्‍ट किया कि अमेरिकी व्यापार भागीदारों पर रेसिप्रोकल टैरिफ 2 अप्रैल को क्षेत्रीय टैरिफ के साथ-साथ लगाए जाएंगे.

कैसे तय होगी दर

बता दें कि रेसिप्रोकल टैरिफ का मतलब है कि ट्रंप प्रशासन अमेरिका में आयात पर टैरिफ दरें लगाएगा, जो अन्य देशों में इसके निर्यात का सामना करने वाले टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं को शामिल करते हुए एक गणना पर आधारित होगा. वहीं, हाल ही में अमेरिका ने चीन पर 20 फीसदी टैरिफ दर और स्टील तथा एल्युमीनियम पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाया है.

‘2 अप्रैल देश के लिए मुक्ति दिवस

डोनाल्‍ड ट्रंप का कहना है कि उन्होंने ऑटोमेकर के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से कहा कि उन्हें कनाडा और मेक्सिको से उत्पादन को अमेरिका में स्थानांतरित करना चाहिए.  2 अप्रैल हमारे देश के लिए एक मुक्ति दिवस है. हम उस धन का कुछ हिस्सा वापस पा रहे हैं, जिसे बहुत ही मूर्ख राष्ट्रपतियों ने इसलिए दे दिया क्योंकि उन्हें पता ही नहीं था कि वो क्या कर रहे हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वो हमसे शुल्क लेते हैं और हम उनसे शुल्क लेते हैं, ऑटोमोबाइल, स्टील और एल्युमीनियम पर हम अतिरिक्त शुल्क लगाने जा रहे हैं. ऐसे में यदि वो हमें अपने बाजार से बाहर रखने के लिए नॉन-मॉनिटरी टैरिफ लगाते हैं, तो हम भी उनके बाजार में यही करेंगे.

जवाबी कार्रवाई करेगा अमेरिका

कांग्रेस के संयुक्त सत्र में अपने दूसरे कार्यकाल के पहले संबोधन में ट्रंप ने उन देशों के नाम लिया था, जिनके बारे में उनका मानना है कि वो अमेरिकी वस्तुओं पर ‘बहुत अधिक’ और ‘अनुचित’ टैरिफ लगाते हैं. अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने कहा था कि भारत हमसे 100 प्रतिशत से अधिक ऑटो टैरिफ वसूलता है. यूरोपीय संघ (EU), चीन, ब्राजील, मेक्सिको और कनाडा जैसे देशों ने दशकों से अमेरिका पर अधिक शुल्क लगाए हैं. अब अमेरिका भी जवाबी कार्रवाई करेगा.

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