Badr Abdelatty India visit: मिस्र के नए विदेश मंत्री बद्र अब्देलती (Badr Abdelatty) भारत के दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर आ रहे है. अब्देलती की यह यात्रा सिर्फ दोनों देशों के बीच के रिश्ते को मजबूत करने का प्रतीक ही नहीं बल्कि इस्लामी दुनिया के बदलते भू-राजनीतिक समीकरणों की झलक भी दिखाती है.
अब्देलती की यह यात्रा ऐसे समय पर हो रही है जब पाकिस्तान, इस्लामी जगत में अपनी पकड़ खोता जा रहा है. ऐसे में मिस्र जैसे प्रमुख मुस्लिम देश का भारत को प्राथमिकता देना इस बात का संकेत है कि अब मध्य-पूर्व के देश धार्मिक भावनाओं से अधिक आर्थिक स्थिरता, तकनीकी प्रगति और सुरक्षा सहयोग को अहमियत दे रहे हैं.
प्राचीन सभ्यताओं से आधुनिक साझेदारी तक दोनों देशों के संबंध
2024 में मिस्र के विदेश मंत्री बनें बद्र अब्देलती एक अनुभवी राजनयिक हैं और उनका यह भारत दौरा उनके कार्यकाल की पहली बड़ी एशियाई यात्रा है, जिसे काहिरा और नई दिल्ली दोनों ही “रणनीतिक संवाद” के रूप में देख रहे हैं.
बता दें कि भारत और मिस्र दो प्राचीन सभ्यताएं हैं जिनका सांस्कृतिक, आर्थिक और कूटनीतिक रिश्ता दशकों पुराना है. 1950 के दशक में पंडित नेहरू और मिस्र के राष्ट्रपति जमाल अब्देल नासिर के बीच बनी साझेदारी ने गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) की नींव रखी थी, जो आज एक बार फिर से जीवित होती दिख रही है, जब दोनों देश वैश्विक दक्षिण के हितों के लिए साथ खड़े हैं.
भारत की कुटनीतिक जीत
बद्र अब्देलती की भारत यात्रा को भारत और मिस्र के बीच ‘नई रणनीतिक साझेदारी’ की दिशा में निर्णायक कदम माना जा रहा है. उनकी इस यात्रा का साफ संदेश है कि अब इस्लामी एकता का पुराना नैरेटिव टूट रहा है. मिस्र जैसा मुस्लिम राष्ट्र पाकिस्तान की “कश्मीर लॉबी” से दूर होकर भारत के साथ भविष्य देख रहे हैं.
भारत की आर्थिक ताकत, स्थिर लोकतंत्र और अंतरराष्ट्रीय साख अब उसे इस्लामी दुनिया के लिए आकर्षक साझेदार बना रही है. पाकिस्तान के लिए यह न सिर्फ कूटनीतिक झटका है, बल्कि उसके दशकों पुराने विदेशी एजेंडे की नाकामी भी है. बता दें कि मौजूदा समय में भारत और मिस्र ने रक्षा, आतंकवाद विरोधी सहयोग, ऊर्जा और व्यापार के क्षेत्र में तेजी से कदम बढ़ाए हैं.
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