बांग्लादेश को ADB और वर्ल्ड बैंक मिलकर देंगे 1.5 अरब डॉलर, जलवायु और ऊर्जा क्षेत्रों में होगा सुधार

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Bangladesh: आर्थिक संकटों का सामना कर रहे बांग्लादेश को वैश्विक संस्थाओं से बड़ी राहत मिली है. दरअसल, एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) और वर्ल्ड बैंक ने बांग्लादेश को 1.5 अरब डॉलर (करीब 12,600 करोड़ रुपये) की फाइनेंशियल सहायता की मंजूरी दी है, जिसका इस्‍तेमाल देश के बैंकिंग, जलवायु और ऊर्जा क्षेत्रों में सुधार के लिए किया जाना है. वहीं, इससे पहले भी इसी साल के मई महीने में बांग्लादेश को IMF से 762 मिलियन डॉलर की सहायता प्राप्त हुई थी.

इस नए पैकेज के तहत ADB द्वारा 900 मिलियन डॉलर, जबकि वर्ल्ड बैंक की ओर से बांग्‍लादेश को 640 मिलियन डॉलर दिया गया है. ऐसे में ADB द्वारा दी गई राशि में से 500 मिलियन डॉलर बैंकिंग सुधारों तथा 400 मिलियन डॉलर जलवायु परिवर्तन और सतत विकास परियोजनाओं पर खर्च होंगे. इसके अलावा, वर्ल्ड बैंक द्वारा दी गई राशि का इस्‍तेमाल शहरी वायु प्रदूषण को कम करने और गैस आपूर्ति से जुड़ी चुनौतियों से निपटने में किया जाएगा.

आर्थिक स्थिरता की ओर एक और कदम

बांग्लादेश सरकार के लिए एडीबी और वर्ल्‍ड बैंक की ओर से यह सहायता पैकेज ऐसे समय आया है जब विदेशी मुद्रा भंडार घट रहा है और आयात-निर्यात असंतुलन बढ़ रहा है. ऐसे में इस फंडिंग से देश को अपने विकास प्रोजेक्ट्स को गति देने में मदद मिलने के साथ ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और अर्थव्यवस्था में स्थिरता आने की संभावना है.

बैंकिंग सेक्टर में क्यों जरूरी है ये मदद?

बता दें कि मौजूदा समय में बांग्लादेश का बैंकिंग सेक्टर कई गंभीर समस्याओं का सामना कर रहा है, जिसमें लिक्विडिटी की भारी कमी, वित्तीय संस्थानों पर दबाव का बढ़ना, NPL (Non-Performing Loans) का बढ़ता स्तर, साइबर सुरक्षा की चुनौतियां और मनी लॉन्ड्रिंग की बढ़ती घटनाएं, ब्याज वसूली में कठिनाई और कमजोर रेगुलेटरी फ्रेमवर्क आदि शामिल है. ऐसे में ADB से मिले पैकेज से इन सभी मोर्चो पर सुधार की उम्मीद है, विशेष रूप से. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) तक सुलभ और किफायती ऋण पहुंचाना.बैंकिंग प्रणाली को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप ढालना.

रेगुलेटरी और तकनीकी ढांचे को मज़बूत बनाना

रिपोर्ट के मुताबिक, एनर्जी और क्लाइमेट प्रोजेक्ट्स को मिलेगी रफ्तार जलवायु परिवर्तन की चुनौती को लेकर ADB द्वारा दी गई 400 मिलियन डॉलर की सहायता का उपयोग हरित परियोजनाओं में किया जाएगा, जिसमें सतत ऊर्जा, जलवायु अनुकूलन और पर्यावरणीय सुरक्षा के उपाय शामिल हैं.

इसके अलावा, वर्ल्ड बैंक द्वारा दी गई मदद से शहरी वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जाएगा. इस दौरान गैस आपूर्ति के संकट से निपटने के लिए ऊर्जा बुनियादी ढांचे को अपग्रेड किया जाएगा. दरअसल, देश में बिजली की बढ़ती मांग के चलते गैस आपूर्ति का बड़ा हिस्सा पावर प्लांट्स को भेजा जा रहा है, जिससे घरेलू और औद्योगिक गैस उपयोगकर्ता प्रभावित हो रहे हैं. ऐसे में वर्ल्ड बैंक की फंडिंग इन गैप्स को भरने में सहायक होगी.

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