Dhaka: बांग्लादेश में जमात-ए-इस्लामी के साथ प्रस्तावित गठबंधन को लेकर छात्रों के नेतृत्व वाली नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) में आंतरिक फूट पड गई है. पार्टी के 30 नेताओं ने इस योजना का विरोध करते हुए एक संयुक्त पत्र जारी किया है जबकि, दो वरिष्ठ सदस्यों ने इस्तीफे दे दिया है. फरवरी में होने वाले चुनाव से पहले एक दिन में रातों रात पार्टी में बिखराव ने नए विवाद को जन्म दे दिया है.
NCP, SAD का एक बड़ा राजनीतिक धड़ा
बता दें कि NCP स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन (SAD) का एक बड़ा राजनीतिक धड़ा है. SAD ने पिछले वर्ष हुए हिंसक आंदोलन का नेतृत्व किया था, जिसे जुलाई विद्रोह कहा जाता है. इस आंदोलन के परिणामस्वरूप तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग सरकार सत्ता से बाहर हो गई थी. NCP फरवरी में अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के समर्थन से एक राजनीतिक दल के रूप में उभरी.
संयोजक नाहिद इस्लाम को भेज दिया ज्ञापन
ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वाले NCP के संयुक्त सदस्य-सचिव मुशफिक उस सलीहीन ने बताया कि उन्होंने जुलाई विद्रोह की जवाबदेही और पार्टी मूल्यों के संदर्भ में संभावित गठबंधन पर सैद्धांतिक आपत्तियां शीर्षक वाला ज्ञापन पार्टी संयोजक नाहिद इस्लाम को भेज दिया है. ज्ञापन में जमात के साथ गठबंधन को लेकर गंभीर चिंताएं जताई गई हैं. कहा गया है कि यह पार्टी की घोषित विचारधारा, जुलाई विद्रोह पर उसके रुख और लोकतांत्रिक नैतिकता के विपरीत है.
विवादास्पद राजनीतिक इतिहास की ओर भी इशारा
इसमें जमात के विवादास्पद राजनीतिक इतिहास की ओर भी इशारा किया गया है. विशेष रूप से बांग्लादेश की स्वतंत्रता के विरुद्ध उसकी भूमिका तथा 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान नरसंहार और अपराध में कथित सहयोग की ओर इशारा किया गया है. ज्ञापन में कहा गया है कि ये बातें बांग्लादेश की लोकतांत्रिक भावना और NCP के मूल मूल्यों से मेल नहीं खाती.
आम नागरिकों में भ्रम और निराशा
ज्ञापन में यह चेतावनी दी गई है कि जमात के साथ प्रस्तावित गठबंधन NCP की राजनीतिक विश्वसनीयता और जनता के विश्वास को कमजोर करेगा, जिससे हमारे कई कार्यकर्ताओं और समर्थकों, विशेषकर युवा पीढ़ी और नयी राजनीति का समर्थन करने वाले आम नागरिकों में भ्रम और निराशा पैदा होगी.
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