Bangladesh: बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने रविवार को पूर्व पीएम शेख हसीना और दो अन्य व्यक्तियों को पिछले साल छात्रों के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शनों को हिंसक रूप से दबाने के मामले में सामूहिक हत्या समेत कई गंभीर आरोपों में अभ्यारोपित कर दिया है. इस कार्यवाही के बाद यह तय हो गया है कि हसीना के खिलाफ मुकदमा उनकी अनुपस्थिति में शुरू किया जाएगा. बता दें कि शेख हसीना अपदस्थ होने के बाद से ही भारत में रह रही है.
आईसीटी के अभियोजन पक्ष ने दाखिल की थी चार्ज सीट
बांग्लादेश में यह प्रक्रिया उस समय शुरू हुई है जब हसीना सरकार के सत्ता से हटने को लगभग दस महीने बाद अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) के अभियोजन पक्ष ने जुलाई के जन-विद्रोह के दौरान मानवता के खिलाफ किए गए अपराधों के लिए अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना पर औपचारिक रूप से आरोप लगाते हुए चार्ज सीट दाखिल किया. जिसके बाद इस मामले में तीन सदस्यीय न्यायाधिकरण पीठ ने कहा कि “हम आरोपों को संज्ञान में लेते हैं.”
इसके साथ ही आईसीटी ने शेख हसीना और तत्कालीन गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल के खिलाफ एक नया गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया है. जबकि तीसरे आरोपी, उस समय के पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून है, जो फिलहाल हिरासत में हैं, और उनके खिलाफ मुकदमा उनकी उपस्थिति में ही चलेगा.
इतिहास में पहली बार ट्रिब्यूनल की कार्यवाही का सीधा प्रसारण
बता दें कि इस मुकदमे का बांग्लादेश टेलीविजन पर सीधा प्रसारण भी किया जा रहा है, जो बांग्लादेश के इतिहास में पहली बार हो रहा है. इसका मतलब है कि भारत में शरण लेकर रह रही शेख हसीना को यह सीधा संदेश दिया जा रहा है, जिससे वो दहशत में आ सकें.
हालांकि इससे पहले भी ICT ने हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था, जब अंतरिम सरकार ने भारत को एक राजनयिक नोट भेजकर उनके प्रत्यर्पण की मांग की थी. भारत ने इस नोट को प्राप्त करने की पुष्टि की है, हालांकि उसने इस पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की है.
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