बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के स्वास्थ्य पर पीएम मोदी ने जताई चिंता, हर संभव मदद का दिया आश्‍वासन

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Bangladesh: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की हालत बेहद नाजुक है. उनको वेंटिलेटर पर रखा गया है. फिलहाल, उनका इलाज ढाका के एवरकेयर अस्पताल में किया जा रहा है. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है.

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि बांग्लादेश के सार्वजनिक जीवन में कई वर्षों तक योगदान देने वाली बेगम खालिदा जिया के स्वास्थ्य के बारे में जानकर गहरी चिंता हुई. हम उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं. भारत हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है.

बता दें कि बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया की हालत बेहद नाजुक है और उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया है. बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार अभी भी उनका इलाज एवरकेयर हॉस्पिटल की कोरोनरी केयर यूनिट में चल रहा है. 23 नवंबर को उन्हें भर्ती कराया गया था.

क्रिटिकल कंडिशन में बेगम जिया

बीएनपी के उपाध्यक्ष एडवोकेट अहमद आजम खान ने सोमवार को बताया कि “बेगम जिया की हालत फिर से क्रिटिकल हो गई है. वह रविवार रात से वेंटिलेशन सपोर्ट पर हैं.” हाल ही में उन्हें विदेश भेजने की भी तैयारी थी, लेकिन लगातार बिगड़ती तबीयत को देखते हुए चिकित्सकों ने उन्हें एयरलिफ्ट न कराने की हिदायत दी थी.

बीएनपी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने शनिवार देर रात एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में खालिदा जिया की सेहत को लेकर अपडेट दिया था. उन्होंने कहा था कि उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ है और वह नाजुक स्थिति में बनी हुई हैं.

इन बीमारियों से जुझ रही खालिदा जिया

दरअसल, 80 साल की पूर्व प्रधानमंत्री कई बीमारियों से जूझ रही हैं, जिनमें दिल की समस्याएं, डायबिटीज, आर्थराइटिस, लिवर सिरोसिस और किडनी की परेशानी शामिल हैं. बीएनपी चीफ के बेटे तारिक रहमान के सलाहकार और पार्टी प्रवक्ता महेदी अमीन ने फेसबुक पोस्ट में कहा था कि खालिदा जिया के विदेश में इलाज की तैयारी चल रही है. उनकी हालत स्थिर होने के बाद उन्हें एडवांस मेडिकल केयर के लिए लंदन ले जाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं, जिसमें खास तौर पर तैयार एयर एम्बुलेंस का इंतजाम करने की कोशिशें भी शामिल हैं.

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