BANGLADESH : परंपरागत रूप से बांग्लादेश चीनी हथियारों पर निर्भर रहा है, लेकिन मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बनी अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद अब उसका रुख तुर्किए की ओर मुड़ता दिख रहा है. जानकारी के मुताबिक, दोनों देशों के बीच वैचारिक समानता भी देखी जा रही है. एक ओर यूनुस सरकार पर कट्टरपंथियों का प्रभाव तेजी से बढ़ता नजर आ रहा है, वहीं तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोआन खलीफा काल की वापसी का सपना देख रहे हैं.
प्राप्त जानकारी के अनुसार यूनुस सरकार ने एयर फोर्स चीफ एयर चीफ मार्शल हसन महमूद खान को तुर्किए के दौरे पर भेजा गया ताकि वे वहां इस्तांबुल में अपने समकक्ष से मुलाकात करने के दौरान सैन्य उपकरणों की खरीद पर बातचीत कर सके. मीडिया रिपोर्ट का कहना है कि इस यात्रा का उद्देश्य बांग्लादेश की रक्षा रणनीति मजबूत करना और तुर्किए के साथ रणनीतिक सहयोग को बढ़ावा देना है.
नेवी और एयर फोर्स दोनों प्रमुख इस्तांबुल में रहेंगे मौजूद
खबर सामने आयी हहै कि कुछ दिन पहले बांग्लादेश के नौसेना प्रमुख एडमिरल मोहम्मद नजमुल हसन छुट्टी पर अमेरिका के लिए रवाना हुए थे, लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक, वे तुर्किए की आधिकारिक यात्रा पर भी रहेंगे. यानी इन दिनों बांग्लादेश के नेवी और एयर फोर्स दोनों प्रमुख इस्तांबुल में मौजूद रहेंगे. बता दें कि यह यात्रा तुर्किए नौसेना के कमांडर के निमंत्रण पर हो रही है.
चीन के चिंता का विषय
इस यात्रा को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि यह नया रुख चीन के लिए चिंता का विषय हो सकता है. जानकारी के मुताबिक, काफी लंबे समय से चीन, बांग्लादेश को सैन्य उपकरण देता आ रहा है. इस दौरान यह यात्रा चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के निमंत्रण पर प्रस्तावित थी.
बांग्लादेश पहले ही तुर्किए से तोपों की कर चुका खरीद
प्राप्त जानकारी के अनुसार बांग्लादेश पहले ही तुर्किए से MKE बोरान 105 मिमी हॉवित्जर तोपों की खरीद कर चुका है. इसके साथ ही पिछले साल भी 18 तोपें मंगाई गई थीं. ऐसे में भविष्य की योजना के अनुसार इनकी संख्या बढ़ाकर 200 करना चाहता है. इस मामले को लेकर एयर चीफ मार्शल हसन महमूद खान और एडमिरल नजमुल हसन से मुलाकात की थी और गोरगुन ने मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस से भी गुप्त वार्ता की थी.
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