BRICS Presidency : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सख्त फैसलों और वैश्विक व्यापार पर बढ़ते दबावों के दौर में BRICS की अध्यक्षता अब भारत को सौंप दी गई है. बता दें कि भारत को ब्राजील से मिला यह दायित्व केवल औपचारिक बदलाव नहीं, बल्कि मौजूदा अंतरराष्ट्रीय हालात में एक मजबूत राजनीतिक और रणनीतिक संकेत भी माना जा रहा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत 1 जनवरी से आधिकारिक रूप से BRICS की अध्यक्षता संभालने जा रहा है.
ऐसे में BRICS अध्यक्षता के हस्तांतरण के दौरान प्रतीकों के जरिए गहरा संदेश दिया गया. बता दें कि 2024 में रूस से मिले स्टील के हथौड़े के बाद ब्राजील ने भारत को अमेजन वर्षावन की पुनर्चक्रित लकड़ी से बना हथौड़ा सौंपा. इस मामले को लेकर ब्राजील के BRICS शेरपा मौरिसियो लिरियो का कहना है कि यह प्रतीक सतत विकास, साझेदारी की मजबूती और भारत की नेतृत्व क्षमता में भरोसे को दर्शाता है.
ब्रासीलिया बैठक में समीक्षा पर दिया गया जोर
इसके साथ ही 11–12 दिसंबर को ब्रासीलिया में हुई BRICS शेरपाओं की बैठक में प्रतीकात्मक मुद्दों के साथ ठोस प्रगति की समीक्षा पर भी जोर दिया गया. जानकारी के मुताबिक, 11 सदस्य देशों के प्रतिनिधियों ने ब्राजील की अध्यक्षता के दौरान 2025 तक हासिल उपलब्धियों का आकलन किया.
ब्राजील के विदेश मंत्री मौरो विएरा ने कहा
जानकारी के मुताबिक, ब्राजील के विदेश मंत्री मौरो विएरा ने कहा कि BRICS की प्रासंगिकता अब कूटनीतिक बयानों के साथ आम लोगों के जीवन पर पड़ने वाले वास्तविक प्रभाव से आंकी जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि समूह को ठोस नतीजों पर केंद्रित रहना होगा.
ब्राजील के कार्यकाल में BRICS को सतत विकास
बता दें कि ब्राजील ने अपने कार्यकाल में BRICS को सतत विकास और समावेशी वृद्धि के इर्द-गिर्द केंद्रित रखा. साथ ही जुलाई में रियो डी जेनेरियो में हुए शिखर सम्मेलन में तीन अहम पहलें सामने आईं-आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के शासन ढांचे पर सहमति, सामाजिक कारणों से फैलने वाली बीमारियों के उन्मूलन और जलवायु वित्त व्यवस्था पर काम के लिए साझेदारी.
ट्रंप प्रशासन ने BRICS पर लगाए थे आरोप
इतना ही नही बल्कि ब्राजील की अध्यक्षता उस समय में रही, जब ट्रंप प्रशासन ने BRICS पर अमेरिकी डॉलर को कमजोर करने के आरोप लगाए. इसके साथ ही बाकी के सदस्य देशों पर 100 प्रतिशत तक टैरिफ लगाने की चेतावनी दी. इस मामले को लेकर मीडिया रिपोर्ट का कहना है कि भारत और ब्राजील, दोनों ही ट्रंप की आक्रामक व्यापार नीतियों के निशाने पर रहे.
2026 में भारत की अध्यक्षता
प्राप्त जानकारी के अनुसार 2026 के लिए भारत की अध्यक्षता ऐसे समय में शुरू हो रही है, जब ट्रंप के दूसरे कार्यकाल ने वैश्विक व्यापार और कूटनीति में अनिश्चितता बढ़ा दी है. ऐसे में भारत ने संकेत दिए कि उसकी BRICS अध्यक्षता लचीलापन, नवाचार, सहयोग और सततता जैसे मूल सिद्धांतों पर आधारित होगी.
भारत के लिए बड़ी चुनौती
माना जा रहा है कि ट्रंप के दबाव और टैरिफ की धमकियों के बीच भारत के सामने यह बड़ी चुनौती होगी कि वह BRICS को किसी अमेरिकी विरोधी धड़े के रूप में उभरने से रोके. ऐसे में भारत की कोशिश होगी कि समूह को बहुपक्षीय सहयोग, विकास और संवाद के एक सकारात्मक विकल्प के रूप में मजबूत किया जाए.
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