China: चीन में चौंकाने वाले मामले सुन कर होश उड़ जाएंगे. वहां की अदालत ने म्यांमार के कुख्यात मिंग परिवार के 11 सदस्यों को मौत की सजा सुनाई है. इस परिवार के कुल 39 सदस्यों को अलग-अलग सजाएं दी गई हैं. इनमें से 16 लोगों को मौत की सजा मिली है, जिनमें 5 को दो साल की मोहलत दी गई है. बाकियों को उम्रकैद और 5 से 24 साल तक की जेल की सजा सुनाई गई है.
10,000 से ज्यादा लोगों को कैद कर जबरन करवाया काम
संयुक्त राष्ट्र ने इस अपराध को स्कैमडेमिक नाम दिया था, क्योंकि इसने महामारी की तरह हजारों लोगों की जिंदगी बर्बाद की. मिंग परिवार पर आरोप है कि उसने 10,000 से ज्यादा लोगों को कैद कर जबरन काम करवाया. इनसे ऑनलाइन ठगी कराई गई और विरोध करने वालों को बेरहमी से पीटा जाता था. कई लोगों को मौत के घाट भी उतारा गया. परिवार पर जुआ, ठगी, ड्रग्स और वेश्यावृत्ति जैसे गुनाहों का बड़ा साम्राज्य खड़ा करने का आरोप है.
लौकाइंग कस्बा इनके आतंक का बन गया गढ़
2015 में मिंग परिवार ने अपने अपराधों की शुरुआत की और जल्द ही लौकाइंग कस्बा इनके आतंक का गढ़ बन गया. चोरी, तस्करी और ड्रग्स के धंधे से जुड़े इस परिवार ने बड़े पैमाने पर जुए के अड्डे और ठगी के सेंटर खोले. बेरोजगार युवाओं को नौकरी का झांसा देकर इन्हें जबरन कैद कर लिया जाता और उनसे ऑनलाइन ठगी करवाई जाती थी. जो लोग मना करते या भागने की कोशिश करते, उन्हें बेरहमी से पीटा जाता और कई को मौत के घाट भी उतार दिया गया.
अमानवीय परिस्थितियों में काम कराने का आरोप
इस खतरनाक परिवार पर 10,000 से ज्यादा लोगों को कैद करके रखने और उन्हें अमानवीय परिस्थितियों में काम कराने का आरोप है. अदालत के मुताबिक मिंग परिवार ने अपने गैरकानूनी कामों से अब तक करीब 10 अरब युआन (1.4 अरब डॉलर) कमाए. इसमें एक लाख से ज्यादा विदेशी नागरिकों को भी ठगा गया.
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