China: चीन ने रक्षा क्षेत्र में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. शुक्रवार को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (PLAN) के चीफ ऑफ स्टाफ वाइस एडमिरल ली हनजुन और चाइना नेशनल न्यूक्लियर कॉरपोरेशन के डिप्टी चीफ इंजीनियर लियू शिपेंग की संसद की सदस्यता रद्द खत्म कर दी गई है. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने दोनों को नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (NPC) से निकाल दिया है.
चीनी सेना के शीर्ष जनरल पर भी गिरी गाज
हांगकांग के अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार, इसके साथ ही केंद्रीय सैन्य आयोग (CMC) के सदस्य और चीनी सेना के शीर्ष जनरल मियाओ हुआ को भी उनके पद से हटा दिया गया. नवंबर 2024 से ही मियाओ पर अनुशासन उल्लंघन के गंभीर आरोपों की जांच चल रही थी. मियाओ जो चीनी सेना में सबसे कम उम्र के एडमिरल थे. उनको अप्रैल में NPC से बर्खास्त किया दिया गया था. वे पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के राजनीतिक कार्य विभाग के निदेशक भी थे. जहां वे कम्युनिस्ट पार्टी की विचारधारा और कार्मिक बदलावों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे.
चीन ने भ्रष्टाचारियों के खिलाफ लिया बड़ा एक्शन
चीनी रक्षा मंत्रालय के अनुसार, मियाओ पर भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच चल रही है. चीन में ‘अनुशासन उल्लंघन’ शब्द का प्रयोग अक्सर भ्रष्टाचार के लिए होता है. साल 2012 में सत्ता संभालने के बाद से शी जिनपिंग ने पीएलए के 20 लाख सैनिकों और अधिकारियों में बड़े स्तर पर सफाई अभियान चलाया है. इस अभियान में दर्जनों वरिष्ठ जनरल और दो रक्षा मंत्रियों को भ्रष्टाचार के आरोप में दंडित किया गया था.
चीन की तरक्की से कोई समझौता नहीं
राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने हमेशा पीएलए में पार्टी के प्रति निष्ठा और वैचारिक नियंत्रण को मजबूत करने पर जोर दिया है. जिनपिंग का लक्ष्य चीन को सैन्य महाशक्ति बनाना है. मियाओ साल 2022 में मौजूदा नेतृत्व के कार्यकाल में सीएमसी से हटाए जाने वाले दूसरे सदस्य हैं.
इस एक्शन से स्पष्ट है कि शी जिनपिंग सैन्य और रक्षा क्षेत्र में भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि यह अभियान न केवल भ्रष्टाचार को रोकने के लिए है, बल्कि सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी और सेना पर जिनपिंग की पकड़ को और मजबूत करने का हिस्सा भी है.
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