चीन पाकिस्‍तान मिलकर कर रहें बड़़ा खेल, SAARC को करेंगे रिप्‍लेस, बनाएंगे नया क्षेत्रीय संगठन  

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

China-Pakistan Diplomacy: पाकिस्तान और चीन मिलकर एक नए क्षेत्रीय संगठन की योजना पर काम कर रहे हैं, जो दक्षिण एशियाई सहयोग संगठन (SAARC) की जगह ले सकता है. पाकिस्‍तानी रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों देशों के बीच इस नए संगठन को लेकर बातचीत अंतिम चरण में है. दरअसल, चीन और पाकिस्‍तान का मामना है कि दक्षिण एशिया में स्थायी विकास और आपसी जुड़ाव के लिए ऐसा संगठन जरूरी है.

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो चीन-पाकिस्‍तान का इस नए संगठन के जरिए क्षेत्रीय देशों को एकजुट कर व्यापार और कनेक्टिविटी बढ़ाने पर फोकस होगा. खास बात यह है कि इस मंच में शामिल होने के लिए भारत को भी न्योता देने की योजना है. सूत्रों के मुताबिक, इस संगठन का ढांचा कुछ हद तक SAARC जैसा होगा, लेकिन इसमें चीन की अहम भूमिका रहेगी.

बांग्लादेश ने गठबंधन का हिस्सा बनने से किया इनकार

रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में चीन के कुनमिंग शहर में चीन, पाकिस्‍तान और बांग्लादेश की बैठक हुई है, जिसे इस नए संगठन की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है. हालांकि, बांग्लादेश ने किसी भी राजनीतिक गठबंधन का हिस्सा बनने से इनकार किया है. दरअसल, बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने कहा कि यह बैठक केवल सामान्य बातचीत थी, कोई गठबंधन बनाने की योजना नहीं है.

संगठन में इन देशों को जोड़ने की तैयारी

वहीं, सूत्रों के मुताबिक, चीन पाकिस्‍तान के इस प्रस्तावित संगठन में भारत, श्रीलंका, मालदीव और अफगानिस्तान को भी शामिल करने की योजना है, जिसके जरिए व्यापार, कनेक्टिविटी और क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने की बात कही जा रही है. हालांकि, भारत और चीन के बीच मौजूदा तनाव और पाकिस्तान के रवैये को देखते हुए इसमें भारत की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं. ऐसे में देखना ये होगा कि यदि ऐसे किसी संगठन का चीन और पाकिस्‍तान निमार्ण करते तो भारत उसमे शामिल होता है या नहीं.

कई वर्षो से निष्क्रिय पड़ा SAARC

दरअसल, SAARC संगठन पिछले कई वर्षों से निष्क्रिय पड़ा है. साल 2014 के बाद से इसका कोई शिखर सम्मेलन नहीं हो पाया है. हालांकि साल 2016 में इस्लामाबाद में SAARC सम्मेलन होना था, लेकिन जम्मू-कश्मीर के उरी हमले के बाद भारत ने इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान ने भी सम्मेलन का बहिष्कार किया था और तभी से यह संगठन ठप पड़ा है.

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