China US Trade Policies : कुछ ही दिनों पहले अमेरिका ने पूरे देश में अपने टैरिफ पॉलिसी से हलचल मचा दी है. ऐसे में भूराजनीतिक तनाव के बीच ट्रंप के हाई टैरिफ ने कई देशों को काफी नुकसान पहुंचाया है. इस मामले को लेकर भारत के पूर्व राजदूत वी.एस. शेषाद्री ने वाशिंगटन और बीजिंग दोनों की नीतियों की कड़ी आलोचना की है.
वैश्विक व्यापार के लिए आवश्यक पूर्वानुमान
प्राप्त जानकारी के अनुसार शेषाद्री ने “अंतरराष्ट्रीय व्यापार कानून चुनौतियां एवं दृष्टिकोण” विषय पर इंडिया इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लीगल एजुकेशन एंड रिसर्च में व्याख्यान के दौरान उनका कहना है कि इन घटनाक्रमों ने वैश्विक व्यापार के लिए आवश्यक पूर्वानुमान और स्थिरता को कमजोर किया है. उम्मीद जताई जा रही है कि वैश्विक व्यापार में अमेरिका, ईयू और चीन की करीब 42 प्रतिशत हिस्सेदारी है. इस मामले को लेकर उन्होंने अमेरिका की नीतियों का उल्लेख किया और कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में अमेरिका ने एकतरफा उपायों का विस्तार किया है.
ट्रंप की एकतरफा कार्रवाइयां
मीडिया रिपोर्ट का कहना है कि अब इन कदमों का व्यापार केवल व्यापार संतुलन के साथ घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है, बल्कि रूसी तेल के खरीदारों को दंडित करने और मादक पदार्थों की तस्करी से निपटने के लिए व्यापक लक्ष्यों के लिए भी किया जा रहा है. ऐसे में उनका कहना है कि अमेरिका द्वारा थोपे गए द्विपक्षीय समझौते अक्सर साझेदार देशों को अमेरिका से ऊर्जा, कृषि और रक्षा आयात करने के लिए बाध्य करते हैं और ये व्यवस्थाएँ विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों के विपरीत हो सकती हैं.
अमेरिका में चल रही कानूनी चुनौती का उल्लेख
ऐसे में बिना पाकिस्तान का नाम लिए शेषाद्री ने कहा कि “एक पड़ोसी देश ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते की आड़ में अपने संसाधनों को अमेरिका को सौंपकर एक आत्मघाती रास्ता चुना है.” इसके साथ ही उन्होंने आपातकालीन उपायों के तहत टैरिफ लगाने की राष्ट्रपति की शक्तियों के खिलाफ अमेरिका में चल रही कानूनी चुनौती का भी उल्लेख किया. जिस पर अब अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट फैसला सुनाएगा.
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