यहूदी छात्रों को 200 मिलियन डॉलर का मुआवजा देगी कोलंबिया यूनिवर्सिटी, जानिए क्‍या है मामला

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Columbia University: अमेरिका की प्रतिष्ठित कोलंबिया यूनिवर्सिटी ट्रंप प्रशासन के साथ एक बड़ा समझौता करने जा रही है. इसी सिलसिले में यूनिवर्सिटी के अधिकारी जल्‍द ही अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप से मुलाकात भी कर सकते है. दरअसल, यूनिवर्सिटी पर यहूदी छात्रों को कैंपस में हो रहे उत्पीड़न से पर्याप्त सुरक्षा नहीं देने का आरोप लगा है. इसी मसले को सुलझाने के लिए यूनिवर्सिटी 200 मिलियन डॉलर का मुआवजा देने की तैयारी कर रही है.

अमेरिकी मीडिया की रिपोर्टर्स के मुताबिक, अगले सप्‍ताह कोलंबिया यूनिवर्सिटी के अधिकारी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिल सकते हैं, जिससे इस समझौते को अंतिम रूप दिया जा सके. बता दें कि पहले ट्रंप प्रशासन ने 400 मिलियन डॉलर की फेडरल रिसर्च फंडिंग रोक दी थी. वहीं, अब  यह समझौता उसी फंडिंग को आंशिक रूप से बहाल कराने के लिए किया जा रहा है.

इस समझौते के तहत मुआवजा देगी यूनिवर्सिटी

बता दें कि इस समझौते के तहत नागरिक अधिकारों के उल्लंघन के आरोपों को निपटाने के लिए यूनिवर्सिटी मुआवजा देगी. इसके अलावा, यूनिवर्सिटी को अपनी एडमिशन प्रक्रिया और विदेशी फंडिंग के मामले में और भी अधिक पारदर्शिता होगी. हालांकि, यह डील ‘कंसेंट डिक्री’ का हिस्सा नहीं होगी, यानी सरकार को यूनिवर्सिटी के संचालन पर दीर्घकालिक नियंत्रण नहीं मिलेगा.

व्हाइट हाउस से चल रही निगरानी

वहीं, इस समझौते पर बातचीत व्हाइट हाउस की निगरानी में हो रही है, जिसकी अध्‍यक्षता ट्रंप के वरिष्ठ सलाहकार स्टीफन मिलर कर रहे हैं. हालांकि इससे पहले रविवार को भी यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने पिछले रविवार को इस डील के शर्तों पर चर्चा की. इसी बीच यूनिवर्सिटी की प्रवक्ता वर्जीनिया लैम एब्राम्स ने कहा कि “यूनिवर्सिटी, संघीय सरकार के साथ बातचीत को आगे बढ़ाने पर केंद्रित है. अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है.”

ट्रंप प्रशासन से बनी दूरी कम करने की कोशिश

दरअसल, इसी साल मार्च महीने में ट्रंप प्रशासन द्वारा 400 मिलियन डॉलर की फेडरल रिसर्च फंडिंग रोक देने के बाद से कोलंबिया यूनिवर्सिटी लगातार ट्रंप प्रशासन की चिंताओं को दूर करने की कोशिश कर रही है और इसी के तह यूनिवर्सिटी ने कई सख्त कदम उठाए. जैसे- कैंपस पुलिस को प्रदर्शनकारी छात्रों को गिरफ्तार करने के अधिकार दिए. विरोध प्रदर्शन में मास्क पहनने पर रोक लगाई और मीडिल ईस्ट अध्ययन विभाग पर भी नियंत्रण बढ़ाया गया.

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