CPEC corridor: चीन ने करीब एक दशक पहले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) की एक महात्वाकांक्षी परियोजना की शुरुआत की थी, जो Pok यानी पाकिसतान आधिकृत कश्मीर से होकर गुजरता है. जब ये परियोजना शुरू हुई थी तो पाकिस्तान ने इसका जमकर ढ़िंढ़ोरा पीटा था, लेकिन अब इस परियोजना का गुब्बारा फूट रहा है. ऐसे में पाक के एक वरिष्ठ मंत्री ने यह स्वीकार किया है कि पाकिस्तान चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) से लाभ नहीं उठा सका है.
पाकिस्तानी मंत्री ने क्या कहा?
पाकिस्तान के योजना मंत्री अहसान इकबाल का कहना है कि पाकिस्तान की पिछली सरकार द्वारा चीन के निवेश को गलत संदर्भ में पेश करने का प्रयास किया गया था. यही वजह है कि चीनी निवेशक पलायन करने के लिए मजबूर हो गए. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था ने ‘उबरने’ के कई मौके गंवा दिए और ‘‘हमने खेल बदलने की क्षमता रखने वाले सीपीईसी का भी लाभ नहीं उठाया.
इमरान खान पर लगाया आरोप
अहसान इकबाल ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि पीटीआई के कारण ही पाकिस्तान CPEC से लाभ नहीं उठा पाया और विफल हुआ. चीन ने मुश्किल वक्त में पाकिस्तान की मदद की थी. हालांकि, विरोधियों ने चीन के निवेश को बदनाम करने का प्रयास किया और उन्हें पाकिस्तान छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा.
जानें क्या है CPEC
बता दें कि CPEC कॉरिडोर को चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’(बीआरआई) का एक प्रमुख हिस्सा माना जाता रहा है. इसका निर्माण चीन के शिनजियांग को पाकिस्तान के बलूचिस्तान स्थित ग्वादर बंदरगाह से जोड़ने के लिए किया गया था. इसकी लागत करीब 60 अरब डॉलर की थी.

