Donald Trump Meet Ahmed al-Sharaa: कभी अमेरिका का दुश्मन रहा सीरिया अब बदली हुई परिस्थितियों में उसका दोस्त बन गया है, ये बाते खुद अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपनी सऊदी अरब की अपनी यात्रा के दौरान कही. ट्रंप ने कहा है कि वो सीरिया को एक मौका देना चाहते हैं. वहीं, ट्रंप के इस बयान को दिए हुए अभी 24 घंटे भी नहीं बीते कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने सीरिया के चरमपंथी नेता अहमद अल शरा से मुलाकात की.
बता दें कि एक समय था जब अल शरा अमेरिका का मोस्ट वांटेड आतंकी था, जिसपर करोड़ो डॉलर का इनाम घोषित किया गया था. लेकिन हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति ने उनसे मुलाकत की है क्योंकि अहमद अल शरा अब सिर्फ सीरिया का नेता नहीं बल्कि सीरिया के नए राष्ट्रपति हैं, ऐसे में दोनों देशों के नेता मिल रहे हैं और आपस में भविष्य की योजनाएं पर बात कर रहे हैं.
क्या है मोहम्मद अल सरा का इतिहास?
दरअसल, कभी अमेरिका में मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल आतंकी मोहम्मद अल सरा को अबू मोहम्मद-अल जोलानी के नाम से भी जाना जाता था, जो सीरिया का रहने वाले है. जब साल 2003 में अमेरिका ने इराक पर हमला किया था तो मोहम्मद-अल जोलानी उन शुरुआती लड़ाकों में से एक थे, जो इराक में अमेरिका के खिलाफ लड़ रहे ओसामा बिन लादेन के बनाए संगठन अलकायदा का साथ देने के लिए सीरिया से अपने लड़ाकों को लेकर इराक पहुंचे थे.
अमेरिका घोषित किया आतंकी
इस दौरान सीरिया और अमेरिका के बीच जमकर लड़ाई हुई थी. मोहम्मद-अल जोलानी की इसी भूमिका को देखते हुए अमेरिका ने न केवल उनके संगठन अल-शरा को प्रतिबंधित आतंकियों की लिस्ट में डाल दिया था, बल्कि जोलानी को भी आतंकी बताते हुए उनको पकड़ने वालों को एक करोड़ डॉलर का इनाम देने की घोषणा की थी और फिर बाद में जोलानी को गिरफ्तार कर लिया गया था.
सीरिया के तख्तापलट में भी निभाई भूमिका
ऐसे में जालोनी साल 2006 से 2011 तक जेल में भी रहे थे. इतना ही नहीं जब सीरिया में बशर अल असद के खिलाफ गृहयुद्ध हुआ और उसमें बशर का तख्तापलट हुआ तो भी इसके लिए हयात तहरीर अल शाम और इसके मुखिया अहमद अल शरा उर्फ मोहम्मद अल जोलानी की भूमिका प्रमुख मानी गई थी, जिन्होंने अलकायदा के साथ मिलकर बसर-अल असद के खिलाफ जंग लड़ी थी.
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