Donald Trump : जनवरी में डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के बाद से ही उनके प्रशासन की नीतियों को लेकर कानूनी विवाद जारी हैं, विशेष रूप से डेमोक्रेटिक राज्यों के साथ. प्राप्त जानकारी के अनुसार इस बार ट्रंप प्रशासन की एक अहम इमीग्रेशन नीति, H-1B वीजा पर $1,00,000 शुल्क वृद्धि को 19 राज्यों द्वारा अदालत में चुनौती दी जाने वाली है. इनमें कैलिफोर्निया, न्यूयॉर्क, इलिनॉयस के साथ और भी कई अन्य राज्य शामिल हैं.
जानकारी के मुताबिक, कैलिफोर्निया और अन्य राज्यों ने ट्रंप प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दायर किया है. इसके साथ ही H-1B प्रोग्राम अमेरिकी नियोक्ताओं को विशेषज्ञ पेशों के लिए विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करने की अनुमति देता है.
कैलिफोर्निया की आवश्यक सेवाओं पर खतरा
सोशल मीडिया के एक्स पर पोस्ट करते हुए कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल रॉब बांटा ने लिखा कि ट्रंप का अवैध नया $1,00,000 H-1B वीजा शुल्क शिक्षकों, चिकित्सकों, शोधकर्ताओं, नर्सों और अन्य अहम कर्मचारियों की भर्ती में बाधा डाल सकता है. इतना ही नही बल्कि उनके इस फैसले से कैलिफोर्निया की आवश्यक सेवाओं की क्षमता को भी खतरों का सामना करना पड़ सकता है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह नया शुल्क नियोक्ताओं के लिए महंगा बाधक बन सकता है, विशेष रूप से सार्वजनिक और सरकारी संस्थानों के लिए, जो इन पदों को भरने की कोशिश कर रहे हैं.
तीसरी बार कानूनी चुनौती
मीडिया रिपोर्ट का कहना है कि यह मुकदमा शुक्रवार (स्थानीय समयानुसार) को दायर किया जाएगा और इसके बाद इसे मैसाचुसेट्स के फेडरल कोर्ट में पेश किया जाएगा. माना जा रहा है कि यह कम से कम तीसरी कानूनी चुनौती होगी. बता दें कि इससे पहले इस बढ़ाए गए शुल्क को अमेरिकी चेम्बर ऑफ कॉमर्स और यूनियनों, नियोक्ताओं और धार्मिक समूहों के गठबंधन ने चुनौती दी थी.
H-1B प्रोग्राम स्थापित करने में कांग्रेस के इरादे के खिलाफ
इसके साथ ही बांटा के कार्यालय ने मुकदमे में कहा कि यह नीति जिसे डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) द्वारा लागू किया गया, यह कानून का स्पष्ट उल्लंघन है. कहा जा रहा है कि यह कांग्रेस द्वारा अधिकृत सीमा के बाहर भारी शुल्क लगाता है, इसके साथ ही H-1B प्रोग्राम स्थापित करने में कांग्रेस के इरादे के खिलाफ है और आवश्यक नियम बनाने की प्रक्रियाओं को दरकिनार करता है.
बढ़ा हुआ शुल्क वास्तविक लागत से अधिक
प्राप्त जानकारी के अनुसार H-1B वीजा शुल्क DHS द्वारा APA की नोटिस और कमेंट प्रक्रिया के तहत तय किया जाता है. इसके साथ ही इसे चलाने के लिए आवश्यक राशि तक सीमित किया जाता है. इस दौरान मुकदमे में कहा गया है कि सामान्यतः एक नियोक्ता प्रारंभिक H-1B पिटीशन फाइल करते समय $960 से $7,595 तक शुल्क का भुगतान करता है, ये भी बता दें कि नया बढ़ा हुआ शुल्क वास्तविक लागत से बहुत अधिक है.
‘कोई भी राष्ट्रपति कानून को नजरअंदाज नहीं कर सकता’– बांटा
इस मामले को लेकर मीडिया से बातचीत के दौरान बांटा ने कहा कि ‘कोई राष्ट्रपति अपनी मनमानी से हमारे स्कूलों, अस्पतालों और विश्वविद्यालयों को अस्थिर नहीं कर सकता और साथ ही कोई भी राष्ट्रपति कांग्रेस, संविधान या कानून को नजरअंदाज नहीं कर सकता.’
इन राज्यों ने लगाया आरोप
ऐसे में राज्यों ने आरोप लगाया कि यह बढ़ा हुआ शुल्क बिना APA की आवश्यक नोटिस-और-कमेंट प्रक्रिया के जारी किया गया और साथ ही इसे लागू करने के लिए ज्यादा विचार भी नहीं किया गया, विशेषकर सरकारी और गैर-लाभकारी संस्थाओं द्वारा अहम सेवाओं की आपूर्ति पर.
कैलिफोर्निया के अलावा मुकदमा दायर करने वाले राज्य
बता दें कि कैलिफोर्निया के अलावा, अन्य राज्य हैं: मैसाचुसेट्स, एरिजोना, कोलोराडो, कनेक्टिकट, डेलावेयर, हवाई, न्यूयॉर्क, ओरेगन, रोड आइलैंड, वर्मोंट, वॉशिंगटन, इलिनॉयस, मैरीलैंड, मिशिगन, मिनेसोटा, नेवाडा, नॉर्थ कैरोलिना, न्यू जर्सी और विस्कॉन्सिन. जानकारी के मुताबिक, कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल रॉब बांटा और मैसाचुसेट्स की जॉय कैंपबेल मुकदमा दायर करने वाले अन्य राज्यों के अटॉर्नी जनरल का नेतृत्व कर रहे हैं.
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