Donald Trump : वर्तमान में अमेरिका में महंगाई की मार ऐसी पड़ रही है कि व्हाइट हाउस तक इसकी गर्मी महसूस कर रहा है. जानकारी देते हुए बता दें कि अब ‘अमेरिका फर्स्ट’ के नाम पर डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए भारी-भरकम टैरिफ का दांव अब उन्हीं पर भारी पड़ने लगा है. टैरिफ के चलते विदेशी सामान को महंगा करके अमेरिकी उद्योगों को बढ़ावा देने की कोशिश में ट्रंप प्रशासन ने घरेलू बाजार में ही आग लगा दी. ऐसे में रोजमर्रा की चीजें जनता की पहुंच से दूर होने लगीं. इसका परिणाम यह हुआ है कि अब व्हाइट हाउस खुद टैरिफ हटाने की तैयारी में जुट गया है.
ट्रंप के टैरिफ लगाने का मुख्य कारण
जानकारी देते हुए बता दें कि ट्रंप ने सत्ता संभालते ही उन देशों पर टैरिफ लगा दिए थे, जिनसे अमेरिका सालों से बड़े पैमाने पर आयात करता रहा है. जैसे- भारत, अर्जेंटीना, इक्वाडोर के साथ और भी ऐसे कई देश हैं जिन पर टैरिफ के चलते अन्य देशों से आने वाले खाने पीने की चीजें अचानक महंगी हो गई हैं. बता दें कि ऐसा करने मुख्य कारण था कि विदेशी कंपनियों को झटका देना और अमेरिकी राजस्व बढ़ाना, लेकिन ट्रंप का यह फैसला उलटा पड़ गया. बता दें कि टैरिफ से बढ़ी कीमतों का सीधा असर अमेरिकी किचन पर दिखा. ऐसे में लोगों का बजट बिगड़ा और महंगाई ने व्हाइट हाउस पर ही दबाव बढ़ा दिया.
टैरिफ को वापस लेने की गंभीर तैयारी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन अब इन टैरिफ को वापस लेने की गंभीर तैयारी में है. इसके साथ ही ये भी खबर सामने आयी है कि अमेरिका कुछ हफ्ते में अर्जेंटीना, इक्वाडोर, ग्वाटेमाला और एल सल्वाडोर से आने वाली खाने पीने की चीजों पर लगाए गए एक्स्ट्रा टैरिफ को हटाने पर अंतिम फैसला ले सकता है. बता दें कि ट्रंप का ये फैसला अमेरिकी कंपनियों के लिए भी उन देशों के बाजारों में प्रवेश को आसान बनाएगा. जिससे खाने पीने की चीजों की कीमतों में गिरावट शुरू हो सकती है.
ट्रंप का हालिया ऐलान सुर्खियों में
ऐसे में इस मामले को लेकर ट्रंप का हालिया ऐलान भी सुर्खियों में है- हर अमेरिकी को कम से कम 2000 डॉलर का “टैरिफ डिविडेंड” देने का वादा. इसके साथ ही एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह कदम बढ़ती नाराजगी को शांत करने की कोशिश भी हो सकता है.