Donald Trump के समर्थक विवेक रामास्वामी ने Kamala Harris पर फिर साधा निशाना, सुनाई खरी-खोटी

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

US: अमेरिका में 5 नवंबर को राष्‍ट्रपति पद के लिए चुनाव होना हैं, जिसके चलते डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन दोनों ही पार्टियां चुनाव में दम खम लगा रही है. इस बार चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ कमला हैरिस मैदान में उतरी हैं. एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. इस बीच 39 वर्षीय रिपब्लिकन नेता विवेक रामास्वामी ने एक बार फिर कमला हैरिस पर निशाना साधा है. विवेक रामास्वामी ने डेमोक्रेटिक पार्टी की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस को एक मामूली शख्स बताया. साथ ही उन्‍होंने कहा कि वह (कमला हैरिस) अपने भाषणों में नीति के बारे में बात करने से दूर रहती हैं. क्योंकि, इससे उनकी लोकप्रियता कम हो जाती है.

वह एक कठपुतली हैं: विवेक रामास्वामी

रिपब्लिकन नेता विवेक रामास्वामी ने एक इंटरव्यू में कहा कि वह एक मामूली व्यक्ति हैं. वह एक कठपुतली हैं. सच यह है कि वह नीति पर बात करने से काफी दूर रहती हैं. क्योंकि, वह जितना इस बारे में बात करती हैं, उतनी ही लोकप्रियता कम होती जाती है. मुझे लगता है कि यह हमारी टीम के लिए जीत की रणनीति है.

विवेक रामास्वामी ने आगे कहा, ‘हम नीति पर जीतते हैं. मुझे लगता है कि हमें उनकी असफल आर्थिक नीतियों और दक्षिणी सीमा पर उनके रिकॉर्ड के लिए उन पर और अधिक सख्ती से कार्रवाई करने की जरूरत है. वास्तविकता यह है कि अगर हम ऐसा करते हैं, तो हम न केवल यह चुनाव जीतने में सफल होंगे, बल्कि देश को बचाने में भी सफल होंगे.

देश के लिए सही विकल्प हैं डोनाल्ड ट्रंप

विवेक रामास्वामी ने कहा, डोनाल्ड ट्रंप देश के लिए सही विकल्प हैं. वह निर्वाचित होने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘हम इस एजेंडे को तभी लागू करेंगे, जब सीनेट और सदन पर भी हमारा नियंत्रण होगा. इसलिए मैं हरसंभव मदद करने की कोशिश कर रहा हूं, साथ ही मैं फिल्म जगत और कुछ अन्य क्षेत्रों में व्यवसाय जगत में अपने कुछ स्वतंत्र उपक्रमों को भी जारी रख रहा हूं, जहां मुझे लगता है कि हम देश को प्रभावित कर सकते हैं.’

खुली सीमा नीति को लेकर कमला हैरिस की आलोचना

विवेक रामास्वामी ने खुली सीमा नीति के लिए कमला हैरिस की आलोचना की. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि इस देश में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले एक करोड़ लोगों के लिए एक खुली सीमा रखना हर कानूनी आप्रवासी के लिए अपमानजनक है. मुझे यह भी लगता है कि भारतीय-अमेरिकी जिस बात की परवाह करते हैं और उन्हें जिस बात की परवाह करनी चाहिए, वह है देश में योग्यता का अधिकार. उन्होंने आगे कहा कि अगर आप गलत नस्ल, लिंग या लैंगिकता वाले हैं, तो अच्छे कॉलेज में प्रवेश पाना या नौकरी पाना बहुत मुश्किल है.

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