DRDO Missile Test : देश की सुरक्षा को लेकर भारत लगातार आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ रहा है. भारत लगातार एक बाद एक एयर डिफेंस सिस्टम, मिसाइल आदि का निर्माण कर रहा है. इस दौरान भारत को रक्षा के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के मिशन का नेतृत्व रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी DRDO कर रहा है. इसके साथ ही DRDO ने एक और चौंका देने वाली कामयाबी हासिल की है. बता दें कि डीआरडीओ ने ड्रोन से दागी जाने वाली एक मिसाइल का सफल परीक्षण पूरा कर लिया है.
इस मिसाइल का किय गया परीक्षण
जानकारी के मुताबिक, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ की ओर से सफल किए गए परीक्षण के बारे में जानकारी देते हुए सोशल मीडिया के एक्स प्लेटफॉर्म पर ट्वीट करके बताया कि डीआरडीओ ने आंध्र प्रदेश के कुरनूल में स्थित नेशनल ओपन एरिया रेंज (NOAR) में ड्रोन से दागे जाने वाली सटीक मारक क्षमता वाली (प्रिसिजन गाइडेड) मिसाइल ULPGM-V3 का सफल परीक्षण किया.
इस सफलता ने किया साबित
एक्स प्लेटफॉर्म पर ट्वीट करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि “ULPGM-V3 सिस्टम के विकास और सफल परीक्षणों के लिए डीआरडीओ और उद्योग भागीदारों के साथ रक्षा उत्पादन कंपनियों, एमएसएमई और स्टार्ट-अप्स को बधाई दी. उन्होंने कहा कि यह सफलता साबित करती है कि भारतीय उद्योग अब महत्वपूर्ण डिफेंस टेक्नोलॉजी को अपनाने के लिए तैयार है.”
DRDO अन्य प्रोजेक्ट्स पर कर रहा काम
हाल ही में DRDO के प्रमुख डॉ. समीर वी. कामत ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत S-500 के समकक्ष एक एयर डिफेंस ‘प्रोजेक्ट कुशा’ पर काम कर रहा है और प्रोजेक्ट विष्णु के तहत एक्सटेंडेड ट्रैजेक्टरी-लॉन्ग ड्यूरेशन हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल पर भी काम हो रहा है. इसके साथ ही ब्रह्मोस के एक्सटेंडेड रेंज, अस्त्र मार्क-2, अस्त्र मार्क-3, रुद्रम, पिनाका रॉकेट लॉन्चर के और घातक वैरिएंट जैसे कई प्रोजेक्ट्स पर भी काम किया जा रहा है.
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