नेतन्याहू बोलें-आतंकवाद के आगे झुका यूरोप, ट्रंप को करना पड़ रहा है इनका काम, इससे शांति को नहीं मिलेगा बढ़ावा

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Israel: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सीजफायर प्लान में यूरोपीय संघ की स्पष्ट अनुपस्थिति की कड़ी आलोचना की है. नेतन्याहू ने आरोप लगाया है कि गाजा में संघर्ष खत्म करने के लिए जो भी प्रक्रियाएं चल रही हैं, उसमें यूरोपीय संघ पूरी तरह से अनुपस्थित है. उन्होंने कहा कि यूरोप मूल रूप से फिलिस्तीनी आतंकवाद और कट्टरपंथी इस्लामी अल्पसंख्यकों के आगे झुक गया है.

इस संघर्ष को रोकने के लिए मिस्र में दोनों पक्षों के बीच वार्ता

दरअसल, इजरायल पर हुए कायरतापूर्ण हमले को आज दो साल हो गए. दो साल से जारी इस संघर्ष को रोकने के लिए मिस्र में दोनों पक्षों के बीच वार्ता हुई, जहां हमास ने बंधकों-कैदियों की अदला-बदली के लिए कुछ शर्ते रखी हैं. दूसरी ओर नेतन्याहू ने सीजफायर प्लान में यूरोपीय संघ की स्पष्ट अनुपस्थिति की कड़ी आलोचना की. हमास और इजरायल के प्रतिनिधिमंडल ने मिस्र में सोमवार को एक बैठक की.

अपने पूर्व ठिकानों पर लौटना होगा वापस

हमास ने शर्त रखी है कि इजरायली सेना को इससे पहले जनवरी में हुए सीजफायर डील के अनुसार गाजा के आबादी वाले इलाकों से हटकर अपने पूर्व ठिकानों पर वापस लौटना होगा. इसके अलावा इजरायली वायुसेना द्वारा प्रतिदिन कम से कम 10 घंटे तक लड़ाकू विमानों और ड्रोन की उड़ानों पर रोक लगाकर रखी जाए. वहीं हमास ने मांग की है कि बंदियों की रिहाई के दिन 12 घंटे तक ड्रोन या विमान न उड़ाए जाएं.

फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने के निर्णय की आलोचना

नेतन्याहू ने कहा कि यूरोप अनिवार्य रूप से अप्रासंगिक हो गया है और उसने भारी कमजोरी दिखाई. जो यूरोपीय संघ को करना था, वह अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप कर रहे हैं. जिससे उन आतंकवादी तत्वों का सफाया होगा. इजरायली पीएम ने यूरोपीय संघ के 27 सदस्य देशों में से 15 द्वारा फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने के निर्णय की आलोचना की और इस निर्णय पर फिर से विचार करने की उम्मीद जताई.

वह न्यूयॉर्क से एक मील दूर होगा

नेतन्याहू ने कहा कि कल्पना कीजिए कि 9/11 के बाद लोग कहेंगे, ठीक है, अब (इस्लामी आतंकवादी नेता ओसामा) बिन लादेन और अल-कायदा को राज्य दे दिया जाए. हम न केवल उन्हें एक राज्य देंगे बल्कि वह न्यूयॉर्क से एक मील दूर होगा. जैसा कि वे सुझा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इससे शांति को बढ़ावा नहीं मिलेगा. पहले आपके पास ताकत होगी फिर आपके पास शांति होगी.

अब ये यूरोपीय नेता क्या कह रहे हैं?

उन्होंने कहा कि अब ये यूरोपीय नेता क्या कह रहे हैं? आइए इजरायल को इस हद तक कमजोर कर दें कि वह अपने अस्तित्व के लिए एक और फिलिस्तीनी राज्य के खिलाफ लड़े. इस बार यरुशलम के बाहरी इलाके में नहीं बल्कि यरुशलम के भीतर और तेल अवीव की पहाड़ियों के ठीक ऊपर. यह बेतुका है.

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