गाजा में हुई शांति की शुरूआत, युद्धविराम समझौते के बाद इजरायली सेना की शुरू हुई वापसी

Gaza Ceasefire : काफी लंबे समय से गाजा में चल रहा युद्ध थम गया है. प्राप्‍त जानकारी के अनुसार अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 20 सूत्रीय प्रस्तावों पर गाजा के स्थानीय समयानुसार आज दोपहर से युद्धविराम समझौता लागू हो गया है. बता दें कि इजरायली सेना ने इसकी जानकारी दी. इस मामले को लेकर आईडीएफ का कहना है कि हमास के साथ युद्धविराम समझौता स्थानीय समयानुसार दोपहर से शुरू हो गया है. बता दें कि यह घोषणा ऐसे समय की गई है, जब फलस्तीनियों ने उत्तरी गाजा में भारी गोलाबारी की सूचना दी थी.

इजरायली सैनिकों की शुरू हुई वापसी

जानकारी देते हुए बता दें कि इजराइल और हमास के बीच यह संघर्ष 7 अक्‍टूबर 2023 से जारी था. ऐसे में इस युद्ध के जरिए दोनों पक्षों के बीच हिंसा की बढ़ती घटनाओं ने क्षेत्र में मानव संकट को बढ़ा दिया था. इस दौरान युद्धविराम समझौते को लेकर लोगों ने उम्‍मीद जताई है कि यह शांति की दिशा में एक सकारात्मक कदम हो सकता है. इसी बीच इजरायली सेना ने कहा कि गाजा से उसके सैनिक लौटना शुरू हो चुके हैं. हालांकि अभी तक समझौते की शर्तें और कार्यान्वयन के विवरण पूर्ण रूप से स्पष्ट नहीं हुए हैं.

समझौते के पहले भी इजरायल ने गाजा में बरसाये बम

प्राप्‍त जानकारी के अनुसार यह युद्ध विराम शुक्रवार को दोपहर जब लागू हुआ तो उससे पहले इजरायली सेना गाजा में हमले कर चुकी थी. ऐसे में उत्तरी गाजा में जारी गोलाबारी के बाद फिलस्तीनियों ने इजरायल पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह युद्धविराम समझौते के बावजूद संघर्ष को जारी रखने की कोशिश कर रहा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक खबर सामने आयी कि गाजा क्षेत्र में भारी बमबारी और हवाई हमले हो रहे थे, जिससे क्षेत्रीय तनाव और बढ़ सकता था. इस दौरान दोनों पक्षों के बीच जारी संघर्ष से हजारों लोग प्रभावित हुए हैं. इतना ही नही बल्कि नागरिकों को जानमाल का भारी नुकसान हुआ है.

समझौते को लेकर इस मुद्दे पर बनी सहमति

यह समझौता ऐसे समय में लागू हुआ जब इजरायली बंधकों और फिलिस्तीनी कैदियों को परस्पर रिहा करने के लिए दोनों पक्षों में सहमति बनी. इस मामले को लेकर इजरायली सेना का कहना है कि वे युद्धविराम समझौते के सभी पहलुओं का पालन करेंगे. इसके साथ ही उन्‍होंने उम्‍मीद जताई कि समझौते से स्थिति शांत होगी.

स्थाई शांति को लेकर कायम होने पर संशय

ऐसे में राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि यह समझौता अस्थायी हो सकता है और वास्तविक शांति के लिए दोनों पक्षों के बीच और संवाद की आवश्यकता होगी. उन्‍होंने कहा कि अब देखना यह है कि युद्धविराम समझौते का पालन कितना सख्ती से किया जाता है और इससे दोनों पक्षों के बीच स्थायी शांति की ओर कोई रास्ता खुलता है या नहीं. बता दें कि इजराइली सेना के इस कदम को कुछ लोग सकारात्मक मान रहे हैं, तो कुछ लोग इसे केवल एक अस्थायी शांति के रूप में देख रहे हैं.

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