सोने के मोती, मिश्रधातु के हथियार… UAE में मिला लौह युग कब्रिस्तान

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

UAE Iron Age: संयुक्‍त अरब अमीरात (UAE) के अल ऐन क्षेत्र में देश का पहला प्रमुख लौह युग (Iron Age) कब्रिस्तान खोजा गया है. बताया जा रहा है कि यह कब्रिस्‍तान 3 हजार साल पुराना है, जो देश की प्राचीन विरासत के खोए हुए अध्याय पर नया प्रकाश डाल रहा है. अबू धाबी के संस्कृति और पर्यटन विभाग (DCT) की ओर से खोजे गए पुराने नेक्रोपोलिस में सौ से ज़्यादा कब्रें और दफन वस्तुओं का खजाना है, जो लौह युग में जीवन और मृत्यु के बारे में अभूतपूर्व जानकारी देने का काम करेंगी.

 यह खोज प्राचीन अमीरात के बारे में बदलेगी सोच

इस खोज पर डीसीटी अबू धाबी के ऐतिहासिक पर्यावरण विभाग के निदेशक जाबेर सालेह अल मेर्री ने कहा कि यह खोज प्राचीन अमीरात के बारे में हमारी समझ को बदलने का वादा करती है, अब हमारे पास ठोस सबूत हैं जो हमें 3000 साल पहले यहां रहने वाले लोगों के करीब लाते हैं.” इस खोज से ये स्‍पष्‍ट हो गया है कि यहां जीवन हजारों साल पहले से है.

यहां मिला कब्रिस्तान

पुरातत्वविदों ने अल-ऐन में क़त्तारा ओएसिस के पास प्राचीन कब्रें खोजी हैं. इन कब्रों का निर्माण गहरी खाइयां खोदकर तथा भूमिगत अंडाकार कमरे बनाकर किया गया था. कब्रों के अंदर, उन्हें सोने के मोती, तांबे के मिश्र धातु के हथियार, उस्तरा,  मिट्टी के बर्तन, मेकअप के लिए शैल कंटेनर और पक्षियों से सजा एक विशेष तांबे का प्याला जैसी चीजे मिली हैं.

मिले हुए कप को बताया मास्‍टरपीस

पुरातत्वविद तातियाना वैलेंटे ने कप को ‘मास्टरपीस’ कहा. भले ही कब्रों को बहुत पहले लूट लिया गया था, लेकिन कई महत्वपूर्ण वस्तुएं अभी भी वहां मौजूद हैं. क़त्तारा ओएसिस के पास कब्रिस्तान मिला है, ये आयरन ऐज में ‘फलाज’ की वजह से विकसित हुआ जो एक भूमिगत जल प्रणाली थी जो खेती में मदद करती थी. इस इलाके में ऐसी चीज़े भी मिलती हैं, जिनका संबंध व्यापार से है, जिससे पता चलता है कि यह एक विकसित और सक्रिय समाज था.

धीरे-धीरे सुलझेगी पहेली

यहां से मिली कुछ वस्तुओं से प्रतीत होता है कि लोग और सामान इस क्षेत्र में इधर-उधर आते-जाते थे. जानकार अब रेडियोकार्बन डेटिंग और डीएनए परीक्षण का प्रयोग कर वहां दफनाए गए लोगों के बारे में ज्यादा जानकारी प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं, जैसे वे कितने पुराने थे, उन्होंने क्या खाया, उनका स्वास्थ्य कैसा था और वे कहां से आए थे. वैलेंटे ने कहा, “हम पहेली को धीरे-धीरे सुलझा रहे हैं.”

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