Hajj 2025: इस साल हज करने के लिए दुनिया भर से 15 लाख से अधिक हज यात्री सऊदी अरब पहुंचे हैं. इसकी जानकारी सऊदी सरकार के ही एक प्रवक्ता की ओर से दी गई. बता दें कि हज इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है और आर्थिक एवं शारीरिक तौर पर सक्षम मुस्लिम के लिए यह जरूरी माना जाता है कि वह जीवन में कम से कम एक बार जरूर हज करे.
करीब 40 डिग्री सेल्सियस की इस भीषण गर्मी में कुछ हज यात्री पैदल ही यात्रा कर रहे हैं, तो वहीं कुछ लोग बुजुर्गों को साथ लेकर चल रहे थे. हालाकि इस दौरान भीषण गर्मी को देखते हुए सऊदी सरकार ने हाजियों के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं.
सऊदी अरब में है भीषण गर्मी
इसी बीच हज मंत्रालय के प्रवक्ता गस्सान अल नौइमी ने विदेशी हज यात्रियों की अनुमानित संख्या के बारे में जानकारी दी, लेकिन उन्होंने ये स्पष्ट नहीं किया कि इस बार सऊदी अरब के कितने लोग हज कर रहे हैं. बता दें कि इससे पहले साल 2024 में दुनिया भर के 16 लाख से ज्यादा मुस्लिमों ने हज किया था.
इस्लाम में क्यों है ‘माउंट अराफात’ का महत्व
मक्का के दक्षिण-पूर्व में स्थित पहाड़ी ‘माउंट अराफात’ का इस्लाम में बहुत महत्व है, जिसका जिक्र कुरान में किया गया है. कहा जाता है कि यहीं पर पैगंबर मोहम्मद ने अपने अंतिम हज के दौरान अपना अंतिम खुतबा (उपदेश) दिया था. पैगंबर की पारंपरिक उक्तियों के मुताबक, अराफात का दिन साल का सबसे पवित्र दिन होता है. इस दिन अल्लाह जायरीनों के करीब आते हैं और उनके गुनाहों को माफ करते हैं.
गुरुवार को ये रस्म निभाएंगे हज यात्री
बता दें कि हज यात्री आधी रात से लेकर सूर्यास्त तक अराफात में इबादत करेंगे. वहीं, गुरुवार को सूर्यास्त के बाद कंकड़ियां इकट्ठा करने के लिए मुजदलिफा के रेगिस्तानी मैदान में जाएंगे, जिसका इस्तेमाल वो शैतान को कंकड़ियां मारने की रस्म के लिए करेंगे.
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