Gaza War: इजरायल से युद्ध लड रहे हमास को बहुत बडा नुकसान होने वाला है. गाजा में राफा बॉर्डर के नीचे सुरंग में करीब 200 हमास लड़ाके फंसे हुए हैं. बिना रोशनी और कोई अन्य सुविधाओं के न होने से उनकी जान आफत में है. इसी बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने लगभग 200 हमास बंदूकधारियों को सुरक्षित रास्ता देने से इनकार कर दिया है. बता दें कि जहां हमास लड़ाके फंसे हुए हैं वो अब इजरायली नियंत्रण में है.
सुरंग के बाहर पत्थर और सीमेंट भरना शुरू
ऐसे में हमास के आतंकी उसी सुरंग में अपना दम तोड़ देंगे. इधर, इजरायली सेना ने सुरंग के बाहर पत्थर और सीमेंट भरना शुरू कर दिया है. रिपोर्टों में कहा गया है कि इजरायली सेना ने सुरंग निकास मार्गों को पूरी तरह से बंद कर दिया है, जिससे हमास के लड़ाके गाजा के उस हिस्से में फंस गए हैं जो अब इजरायली नियंत्रण में है. इजरायली सेना प्रमुख अयाल जमीर ने सरकार के कड़े रुख की पुष्टि करते हुए कहा कि हमास से कोई समझौता नहीं होगा. हम उन्हें अंडरवियर में सैन्य ठिकानों तक ले जाएंगे.
किसी भी हमास सदस्य को नहीं दी जाएगी माफी या सुरक्षा
कुछ इजरायली मीडिया रिपोर्टों में कहा गया था कि अगर हमास लड़ाके अपने हथियार डाल दें तो उन्हें आत्मसमर्पण करने की अनुमति दी जा सकती है. हालांकि, नेतन्याहू के कार्यालय ने इन दावों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि किसी भी हमास सदस्य को माफी या सुरक्षा नहीं दी जाएगी. इजरायल ने शनिवार को 15 फलस्तीनियों के शव लौटा दिए. इससे एक दिन पहले ही हमास ने एक बंधक के अवशेष इजरायल को लौटाए थे. खान यूनिस शहर के नासिर अस्पताल ने बताया कि 15 शव वहां लाए गए थे.
हमास और इजरायल के बीच युद्धविराम की स्थिति नाजुक
गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि हमास और इजरायल के बीच युद्धविराम की स्थिति नाजुक बनी हुई है. इस बीच शनिवार को गाजा में इजरायली गोलीबारी में एक फलस्तीनी की मौत हो गई, जबकि एक अन्य घायल हो गया. वह मध्य गाजा पट्टी में बुरेज शरणार्थी शिविर के पास मारा गया. युद्ध शुरू होने के बाद से 69,000 से अधिक फलस्तीनी मारे जा चुके हैं.
गोलीबारी में एक फलस्तीनी घायल
नागरिक सुरक्षा बचावकर्मियों ने बताया कि पट्टी के दक्षिणी हिस्से में पश्चिमी खान यूनिस इलाके में इजरायली गोलीबारी में एक फलस्तीनी घायल हो गया. इजरायली सेना ने टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया है. स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार युद्ध शुरू होने के बाद से 69,000 से अधिक फलस्तीनी मारे जा चुके हैं.
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