शांति वार्ता विफल, पाकिस्तान ने दी धमकी, तालिबान ने दिया करारा जवाब-“तो हम भी तैयार”

Ved Prakash Sharma
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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इस्लामाबाद: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तुर्की के इस्तांबुल शहर में हुई शांति वार्ता बिना किसी समझौते के समाप्त हो गई है. इसके बाद तनाव बढ़ गया है. पाकिस्तान ने अफगानिस्तान को एक बार फिर इसका अंजाम भुगतने की धमकी दे डाली है. वहीं तालिबान ने भी युद्ध के लिए तैयार होने की बात कही है. वार्ता विफल होने के लिए दोनों पक्ष एक-दूसरे को जिम्मेदार बता रहे हैं.

संघर्ष के दौरान दोनों तरफ मारे जा चुके हैं दर्जनों सैनिक

हाल के हफ्तों में पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा पर हुए भीषण संघर्षों के बाद तनाव काफी बढ़ गया है. जिसमें दर्जनों सैनिक और नागरिक मारे गए हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह गतिरोध लंबा खिंचा, तो क्षेत्रीय स्थिरता पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है. वार्ता का यह तीसरा दौर था, जिसकी मध्यस्थता तुर्की और कतर ने की. अधिकारियों के मुताबिक, शुक्रवार की देर रात तक चली गहन चर्चाओं के बावजूद कोई ठोस प्रगति नहीं हो सकी. अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने वार्ता की विफलता के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराया, जबकि पाकिस्तान अफगानिस्तान को जिम्मेदार बता रहा है.

युद्ध छिड़ता है, तो हमें अपनी रक्षा करने का पूर्ण अधिकार है

जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा, ‘‘पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल असहयोगी और अनुचित मांगें उठा रहा था, जिसके कारण बातचीत आगे नहीं बढ़ सकी. हमारी अच्छी नियत और मध्यस्थों की कोशिशों के बावजूद कोई परिणाम नहीं निकला.’’ उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि वार्ता ‘‘फिलहाल ठप’’ है. शनिवार को दक्षिणी अफगान शहर कंधार में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुजाहिद ने जोर देकर कहा, ‘‘अफगानिस्तान क्षेत्र में असुरक्षा नहीं चाहता. युद्ध हमारा पहला विकल्प नहीं है, लेकिन अगर युद्ध छिड़ता है, तो हमें अपनी रक्षा करने का पूर्ण अधिकार है.’’

पाकिस्तान अफगानिस्तान के लोगों के धैर्य की परीक्षा न ले

वार्ता विफल होने के बाद तालिबान के सीमा सुरक्षा मंत्री नूरुल्लाह नूरी ने पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ को सीधी चेतावनी देते हुए कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान के लोगों के धैर्य की परीक्षा न ले.

तालिबान ने पाकिस्तान पर लगाया ड्रोन हमले का आरोप

तालिबान ने 9 अक्तूबर को काबुल में पाकिस्तान द्वारा ड्रोन हमला किए जाने का आरोप भी लगाया, जिसकी वजह से तनाव चरम पर पहुंच गया. बाद में कतर की मध्यस्थता में 19 अक्टूबर को हुए संघर्ष विराम के बाद झड़पें कुछ हद तक कम हुईं, लेकिन सीमा पर तनाव बना हुआ है.

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा…

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने शुक्रवार की देर रात निजी चैनल ‘जियो न्यूज’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘बातचीत समाप्त हो चुकी है.’’ उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल बिना किसी भविष्य की बैठक की योजना के लौट रहा है. आसिफ ने कहा, ‘‘संघर्षविराम तब तक लागू रहेगा, जब तक अफगान पक्ष इसका उल्लंघन न करे.’’ मगर तालिबान गलती कर रहा है. वहीं पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने कहा कि कोई प्रगति नहीं हुई, लेकिन कतर-मध्यस्थता वाला युद्धविराम बरकरार है.

यह वार्ता 29 अक्टूबर को दोहा में शुरू हुई थी, जहां कतर और तुर्की ने 11 से 15 अक्टूबर के बीच हुई सशस्त्र झड़पों के बाद मध्यस्थता की.

तालिबान के प्रवक्ता मुजाहिद ने कहा…

तालिबान के प्रवक्ता मुजाहिद ने पाकिस्तान के सभी आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि अफगानिस्तान किसी अन्य देश के खिलाफ अपनी सरजमीं का इस्तेमाल नहीं होने देगा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सेना और खुफिया तंत्र शांति प्रक्रिया को ‘साजिशन’ विफल करने में लगे थे. उन्होंने कहा कि ये तत्व पाकिस्तान की आंतरिक असुरक्षा के लिए तालिबान को दोषी ठहराने की कोशिश कर रहे हैं. अफगान प्रतिनिधिमंडल ने वार्ता के दौरान सबूत पेश किए कि पाकिस्तान की टीटीपी के खिलाफ सैन्य कार्रवाइयों से हजारों लोग विस्थापित हुए, जो अफगानिस्तान में शरण ले रहे हैं.

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