Hamas Terror Network : यूरोप की सुरक्षा को लेकर इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि गाजा में सक्रिय आतंकी संगठन हमास ने यूरोप के कई देशों में एक गुप्त ऑपरेशनल ढांचा खड़ा कर लिया है. बता दें कि यह ढांचा खुफिया इकाई की तरह काम कर रहा है. इसके साथ ही पिछले कुछ महीनों में इसकी गतिविधियां काफी बढ़ी हैं. जानकारी देते हुए उन्होंने ये भी बताया कि यूरोपीय एजेंसियों के साथ मिलकर कई योजनाएं पहले ही नाकाम की जा चुकी हैं.
प्राप्त जानकारी के अनुसार जर्मनी और ऑस्ट्रिया की सुरक्षा एजेंसियों ने संयुक्त कार्रवाई के दौरान कई संदिग्धों को पकड़ा. बता दें कि जांच टीमों को वियना में एक स्थान पर हथियारों का बड़ा स्टॉक मिला, इसमें पिस्टल, विस्फोटक सामग्री के साथ और भी कई सैन्य उपयोग के सामान शामिल थे. ये भी पता चला कि सारा सामान तत्काल हमले के लिए तैयार रखा गया था.
नईम से जुड़ा जब्त हथियारों का संबंध
जांच के मुताबिक खबर सामने आयी है कि जब्त किए गए हथियारों का संबंध मोहम्मद नईम से है. क्योंकि वह हमास के वरिष्ठ राजनीतिक ब्यूरो में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले बासेम नईम का बेटा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, बासेम नईम गाजा में हमास के बड़े नेता खलील अल-हया के बेहद करीबी माने जाते हैं. इस मामले को लेकर मोसाद का कहना है कि यह पूरा नेटवर्क हमास के विदेशों में बैठे नेताओं की सीधी देखरेख में काम कर रहा था.
इजरायली खुफिया एजेंसी का दावा
ऐसे में इजरायली खुफिया एजेंसी ने दावा करते हुए कहा कि कतर में मौजूद हमास के शीर्ष नेताओं ने यूरोप में चल रहे इन ऑपरेशनों को समर्थन दिया है. इसके साथ ही उन्होंने कुछ ही समय पहले कतर में हुई एक बैठक का हवाला देते हुए कहा कि मोहम्मद नईम और उसके पिता की मुलाकात इस बात का संकेत है कि यह व्यक्तिगत पहल होने के साथ संगठन की आधिकारिक मंजूरी वाला कदम था. लेकिन कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि कतर को इस गतिविधि से जोड़ती रही हैं.
तुर्की से भी जुड़ा नेटवर्क का हिस्सा
मोसाद का कहना है कि यूरोप में सक्रिय इस नेटवर्क का एक हिस्सा तुर्की से भी जुड़ा हुआ है. उन्होंने ये भी बताया कि जर्मनी में नवंबर को बुरहान अल-खतीब नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया, उस पर आरोप था कि वह लंबे समय से तुर्किए में हमास से जुड़ी गतिविधियों को आगे बढ़ा रहा था. इसके साथ ही पिछले कई वर्षों से हमास के लिए एक अहम ठिकाना माना जाता है और यूरोपीय एजेंसियां वहां से जुड़े नेटवर्क पर लगातार नजर रखे हुए हैं.
फंडिंग पर भी शुरू की निगरानी
बता दें कि यूरोप की सुरक्षा एजेंसियों ने अब उन संगठनों पर भी कार्रवाई तेज कर दी है, इतना ही नही बल्कि इन पर हमास को आर्थिक मदद पहुंचाने या कट्टरपंथी विचार फैलाने का संदेह है. यही कारण है कि अब धार्मिक संस्थाओं को अब कठोर जांच प्रक्रिया से गुजरना पड़ रहा है. कई जगह फंडिंग चैनल की निगरानी और जांच शुरू कर दी गई है.
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