Budapest: हंगरी ने यूरोपीय संघ (EU) नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाया है. बुडापेस्ट का कहना है कि रूस को आर्थिक रूप से कमजोर करने की यूरोपीय रणनीति पूरी तरह विफल हो चुकी है. प्रतिबंधों और आर्थिक दबाव के बावजूद रूस को निर्णायक रूप से पराजित नहीं किया जा सका. जबकि, यूरोपीय वित्तीय संस्थानों को भारी घाटा उठाना पड़ा. अब वही वित्तीय ताकतें युद्ध को एक वित्तीय साधन की तरह इस्तेमाल कर रही हैं.
अपने भारी आर्थिक नुकसान की भरपाई
बुडापेस्ट का कहना है कि ब्रसेल्स यूक्रेन युद्ध को इसलिए लगातार आगे बढ़ा रहा है क्योंकि यूरोपीय बैंकिंग और वित्तीय संस्थान अपने भारी आर्थिक नुकसान की भरपाई करना चाहते हैं. हंगरी का आरोप है कि युद्ध को जारी रखने से कर्ज को टालने, आपातकालीन खर्चों को सही ठहराने और सुरक्षा के नाम पर नए वित्तीय पैकेज लाने का रास्ता खुला रहता है.
यह बैलेंस शीट की रक्षा के बारे में है
बुडापेस्ट के मुताबिक यह अब यूरोप की रक्षा के बारे में नहीं है. यह बैलेंस शीट की रक्षा के बारे में है. हंगरी का कहना है कि यूरोपीय आम जनता महंगाई, ऊर्जा संकट, उद्योगों के बंद होने और बजटीय दबाव का सामना कर रही है जबकि युद्ध से जुड़े वित्तीय हितधारक लगातार संघर्ष जारी रखने का दबाव बना रहे हैं. शांति की बात करने वालों को खतरनाक या श्रूस समर्थक बताकर खारिज किया जा रहा है.
नेतृत्व से सीधे टकराव की स्थिति
इस मुद्दे पर हंगरी का रुख उसे यूरोपीय आयोग और उर्सुला फॉन डेर लेयेन के नेतृत्व से सीधे टकराव की स्थिति में ले आया है. जहां ब्रसेल्स युद्ध को नैतिक जिम्मेदारी बता रहा है. वहीं हंगरी इसे लोकतंत्र और यूरोप के भविष्य के लिए गंभीर खतरा मान रहा है. हंगरी ने अंत में सवाल उठाया है. यूरोपीय संघ आखिर किसकी सेवा कर रहा है? अपने नागरिकों की या अपने कर्जदाताओं की? और अगर युद्ध असफल नीतियों को छिपाने का जरिया बन गया है तो इसकी कीमत कौन चुकाएगा?
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