Hypersonic Missile : आकाश में जलती हुई तेज रफ्तार से उड़ान भरती हुई एक मिसाइल का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया जिसे देखकर लोग हैरान रह गए कि इस बार ईरान ने क्या दागा है. बता दें कि कुछ यूजर्स ने इसकी तुलना उल्कापिंड से कर डाली. इस दौरान मीडिया रिपोर्ट का कहना है कि यह ईरान की नई हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल ‘Fattah’ थी जो करीब ध्वनि की गति से 15 गुना तेज उड़ सकती है.
जानकारी के मुताबिक, ईरान का यह लॉन्च ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस III’ का 11वां चरण था, जिसमें इस मिसाइल ने इज़राइल की एयर डिफेंस को पार कर लिया. इसके साथ ही प्राप्त जानकारी के अनुसार जवाबी कार्रवाई में इज़राइली वायुसेना ने ईरान के कई सैन्य ठिकानों पर हमले किए. ऐसे में दोनों देशों के बीच यह हमला संघर्ष के छठे दिन भी जारी रहा.
तेहरान के विरोधियों को दिया स्पष्ट संदेश
बता दें कि यह मिसाइल यह ठोस ईंधन से चलती है. जोकि इजरायल के सुरक्षा प्रणाली को भेदने में सफल रही. इसके साथ ही इज़राइल के मध्य भागों में भी नुकसान पहुंचाया. इस हमले को लेकर IRGC का कहना है कि “शक्तिशाली और उच्च गति से दिशा बदलने वाली Fattah मिसाइलों ने कायर ज़ायनियों के ठिकानों को हिलाकर रख दिया और तेहरान के विरोधियों को ईरान की ताकत का स्पष्ट संदेश दे दिया.”
इस मामले को लेकर विशेषज्ञों का कहना हे कि इस मिसाइल की गति माख 13 से 15 के बीच थी और उड़ान के दौरान दिशा तेजी से बदल रही थी. जिससे इसे रोक पाना एंटी-मिसाइल सिस्टम्स के लिए लगभग नामुमकिन हो गया.
क्या होती हैं हाइपरसोनिक मिसाइल?
हाइपरसोनिक मिसाइलें उन हथियारों में एक हैं जो हवा में ध्वनि की गति से कम से कम पांच गुना तेज उड़ती हैं. इनकी सबसे खास विशेषता यह है कि इन्हें ट्रैक करने के साथ नष्ट करना अत्यधिक कठिन है. इस दौरान ईरान के अधिकारियों ने कहा कि लगभग सभी बैलिस्टिक मिसाइलें लक्ष्य पर गिरने से पहले कुछ समय के लिए हाइपरसोनिक स्पीड पकड़ती हैं.
मिसाइल प्रोग्राम की एक बड़ी छलांग
जानकारी देते हुए बता दें कि Fattah एक दो-चरणीय, सॉलिड फ्यूल वाली बैलिस्टिक मिसाइल है, जोकि दिशा-परिवर्तन योग्य नोजल से लैस है. ऐसे में इसकी रेंज लगभग 1,400 किलोमीटर है इसके साथ ही यह वायुमंडल के भीतर और बाहर दोनों जगहों पर काम कर सकती है. ईरान ने सबसे पहले 2023 में प्रदर्शित किया गया था. इस पर ईरानी विशेषज्ञों ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह देश के मिसाइल प्रोग्राम में एक बड़ी छलांग मानी जा रही है.
उनका कहना है कि यह मिसाइल गोल आकार के ईंधन से संचालित होती है. बता दें कि यह मिसाइल उड़ान के दौरान किसी भी दिशा में घूम सकती है, जिससे इसे पकड़ना और रोकना बेहद कठिन हो जाता है.
ये देश बना चुका हाइपरसोनिक हथियार
इस दौरान ईरान उन गिने-चुने देशों में शामिल हो गया है जो कार्यशील हाइपरसोनिक हथियार बना चुके हैं. बता दें कि अभी तक इस लिस्ट में सिर्फ रूस, चीन और भारत थे लेकिन अब ईरान इनमें शामिल हो गया है. उड़ान के दौरान यह आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम्स को चकमा देने में सक्षम हैं. मीडिया रिपोर्ट का कहना है कि ईरान का यह अब तक का सबसे आक्रामक ऑपरेशन था जिसमें इज़राइल की कई डिफेंस परतें Fattah के आगे असफल रहीं.
इज़राइल ने की हमले में जवाबी कार्रवाई
जानकारी के मुताबिक, ईरान के इस मिसाइल हमलों के बाद इज़राइल ने भी हवाई हमले किए. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इज़राइली फाइटर जेट्स ने करमानशाह स्थित एक सैन्य बेस पर खड़े पांच हेलीकॉप्टर, एक मिसाइल फैक्ट्री और एक साइट पर हमला किया जोकि सेंट्रीफ्यूज निर्माण से जुड़ी थी. इस दौरान तेहरान में जोरदार धमाकों की आवाजें सुनाई दीं. ऐसे में हमलों को लेकर इजरायल का कहना है कि ये हमले ईरान की मिसाइल और परमाणु क्षमताओं को सीमित करने के मकसद से किए गए.
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